उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों का कमजोर होना आम बात है. लेकिन जब ये हड्डियां हद से ज्‍यादा कमजोर हो जाएं और ऐसी नौबत आ जाए कि बहुत आसानी से इनमें फ्रैक्‍चर होने लगे या हड्डी टूटने लगे, तो इस स्थिति को ऑस्टियोपोरोसिस ( Osteoporosis) कहा जाता है. ऑस्टियोपोरोसिस के दौरान कमर, हिप्‍स और जॉइंट्स में फ्रैक्‍चर होने की आशंका काफी बढ़ जाती है. हड्डियों के फ्रैक्चर का खतरा बोन मास डेंसिटी कम होने के कारण बढ़ता है. बोन मास डेंसिटी जितनी कम होगी, हड्डियां उतनी ही कमजोर और भुरभुरी हो जाएंगी और ऑस्टियोपोरोसिस का रिस्‍क बढ़ जाएगा.

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पुरुषों के मुकाबले ये समस्‍या महिलाओं में देखने को मिलती है. इसका बड़ा कारण है शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी. खानपान में लापरवाही के कारण 35 की उम्र के बाद बोन मास डेंसिटी कम होने लगती है और बीमारी का रिस्‍क बढ़ जाता है. परेशानी की बात ये है कि ऑस्टियोपोरोसिस का कोई इलाज नहीं है. ऐसे में खानपान को लेकर हर किसी को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और उन चीजों से परहेज करना चाहिए जो हड्डियों को खोखला बनाने का काम करती हैं. हर साल 20 अक्‍टूबर को वर्ल्‍ड ऑस्टियोपोरोसिस डे (World Osteoporosis Day) मनाया जाता है. इस मौके पर आपको बताते हैं इस बीमारी से जुड़ी खास बातें.

ऑस्टियोपोरोसिस के रिस्‍क फैक्‍टर्स

  • कैल्शियम की कमी
  • विटामिन डी की कमी
  • फिजिकल इनएक्टिविटी
  • स्मोकिंग करना
  • अधिक शराब का सेवन
  • रूमेटाइड अर्थराइटिस
  • दवाओं के साइड इफेक्‍ट्स

ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण

  • पोश्चर में बदलाव
  • सांस की तकलीफ
  • आसानी से हड्डी टूटना या फ्रैक्‍चर होना
  • पीठ के निचले हिस्से में दर्द
  • ऊंचाई का कम होना

35 के बाद बनाएं इन चीजों से दूरी

सोडा-कोल्‍डड्रिंक: तमाम रिसर्च बताती हैं कि सोडा वाली चीजें पीने से हड्डियां कमजोर होती हैं. इससे हिप फ्रैक्चर के जोखिम बढ़ता है. वहीं कोल्‍डड्रिंक हड्डियों को खोखला बनाने का काम करती है. इन्‍हें अधिक लेने से आपकी स्किन का भी ग्‍लो गायब हो जाता है और व्‍यक्ति उम्र से ज्‍यादा बड़ा दिखता है.

कैफीन: कैफीन को भी हड्डियों की सेहत के लिए अच्‍छा नहीं माना जाता. कैफीन हड्डियों से कैल्शियम का रिसाव करता है, जिसके कारण हड्डियां कमजोर होती हैं. इसलिए चाय-कॉफी, चॉकलेट या ऐसी किसी भी चीज जिसमें कैफीन पाया जाता है, उससे पूरी तरह से परहेज करना चाहिए.

नमक: ज्‍यादा नमक खाने से शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. नमक में सोडियम की मात्रा अधिक होती है, सोडियम कैल्शियम को शरीर से बाहर निकाल देता है. इसके कारण शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है. एशिया पैसिफिक जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, जिन लोगों को नमकीन खाद्य पदार्थ ज्यादा खाने की आदत थी, उनमें ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा ज्‍यादा पाया गया.

चीनी: चीनी का अधिक सेवन भी हड्डियों की हेल्‍थ के लिए नुकसानदायक माना जाता है. ज्‍यादा चीनी खाने से शरीर को खानपान की अन्‍य चीजों से जरूरी पोषक तत्‍व ठीक से नहीं मिल पाते. इससे हड्डियां भी कमजोर होती हैं, और स्किन का निखार भी गायब हो जाता है और बुढ़ापा समय से पहले आने लगता है.

शराब: शराब को भी हड्डियों का दुश्‍मन माना जाता है. शराब पीने से बोन डेंसिटी स्‍कोर प्रभावित होता है, जो आगे चलकर ऑस्टियोपोरोसिस का रिस्‍क पैदा कर सकता है. इसके अलावा शराब आपका मोटापा बढ़ाती है, मोटापे को भी आर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों की बड़ी वजहों में से एक माना गया है.

बचाव के लिए लाइफस्‍टाइल में लाएं ये बदलाव

  • अपने खानपान में भारी यानी गरिष्‍ठ चीजों को बहुत कम कर दें. रोजाना में सादा भोजन खाएं. भोजन में हरी सब्जियों, छाछ, दही, सलाद आदि को शामिल करें.
  • प्रोटीन के लिए सोयाबीन, स्प्राउट्स, दालें, मक्का और बीन्स आदि को खाने में शामिल करें. कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए दूध, कच्‍चा पनीर, दही, मखाने आदि चीजों को लें.
  • केले में काफी कैल्शियम होता है, रोजाना कम से कम दो केले जरूर खाएं. इसके अलावा अन्‍य फलों को भी अपनी डाइट में शामिल करें.
  • नट्स को पोषक तत्वों का भंडार कहा जाता है. कैल्शियम के अलावा, हड्डियों की बेहतर सेहत के लिए ये काफी अच्‍छा है. 
  • नियमित रूप से एक्‍सरसाइज करें. इसके लिए आप किसी एक्‍सपर्ट की सलाह ले सकते हैं. फिजिकल वर्कआउट न करना भी हड्डियों से जुड़ी समस्‍याओं को बढ़ाता है.
  • रोजाना कुछ देर के लिए सुबह की धूप जरूर लें. सुबह 8 से 9 बजे की धूप से व्‍यक्ति को नेचुरल विटामिन डी मिल जाता है.

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