किडनी शरीर का महत्‍वपूर्ण अंग हैं. बीन के आकार की ये किडनी शरीर के पानी और खनिज के स्तर को संतुलित करती हैं और रक्त से अपशिष्ट को फिल्‍टर करती हैं. इसलिए किडनी की सेहत का विशेष रूप से खयाल रखना चाहिए. अगर आपकी किडनी फेल हो गई या खराब हो गई तो मरीज की जान पर बात आ जाती है.  इसका इलाज भी काफी खर्चीला होता है. अक्‍सर ऐसे मामलों में ट्रांसप्‍लांट की नौबत आ जाती है, जिसको अफोर्ड कर पाना हर किसी के लिए आसान नहीं होता. किडनी की बेहतर सेहत के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल मार्च के महीने के दूसरे गुरुवार को विश्‍व किडनी दिवस (World Kidney Day) मनाया जाता है. इस साल ये दिन आज यानी 14 मार्च को सेलिब्रेट किया जा रहा है. 

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वर्ल्‍ड किडनी डे की शुरुआत साल 2006 में इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी (आईएसएन) और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ किडनी फाउंडेशन्स (आईएफकेएफ) के बीच एक साझी कोशिश के रूप में हुई थी. इस दिन लोगों को किडनी रोगों से बचाव, उसके लक्षण, उसके इलाज और इसके साथ ही मरीजों की सावधानी के बारे में भी जागरूक किया जाता है. आज इस मौके पर हम आपको बताएंगे कि किस तरह कम और ज्‍यादा पानी किडनी की सेहत के लिए पानी क्‍यों जरूरी है, कितना पानी दिन में पीना चाहिए, कम मात्रा में पानी और ज्‍यादा मात्रा में पानी किडनी की हेल्‍थ पर कैसे असर डालता है.

कम पानी और ज्‍यादा पानी दोनों ही नुकसानदायक

आपने सुना होगा कि व्‍यक्ति को पानी अच्‍छे से पीना चाहिए क्‍योंकि ये शरीर और किडनी की बेहतर सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है. इस चक्‍कर में लोग कई बार बहुत ज्‍यादा पानी पीने लगते हैं. लेकिन नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ. रमाकान्‍त शर्मा कहते हैं कि अति हर चीज की खराब होती है. ये नियम पानी पीने के मामले में भी लागू है. ज्‍यादा पानी और कम पानी पीने की आदत, दोनों ही किडनी और शरीर के लिए अच्‍छी नहीं होतीं. कम पानी पीने से किडनी विषैले तत्‍वों को ठीक से फिल्‍टर नहीं कर पाती. इसका असर गुर्दों पर तो पड़ता ही है, साथ ही इससे शरीर के अन्‍य अंगों में भी कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं.

ज्‍यादा पानी से भी किडनी को नुकसान

जरूरत से ज्‍यादा पानी भी किडनी के लिए नुकसानदायक होता है. इसकी वजह से किडनी पर बोझ काफी बढ़ जाता है क्‍योंकि किडनी ही पानी को फिल्‍टर करने का काम करती है. ज्‍यादा पानी होने के कारण किडनी ठीक तरीके से फिल्‍टर का काम नहीं कर पाती. इससे किडनी को नुकसान पहुंच सकता है. किडनी के फेल होने का रिस्‍क भी बढ़ जाता है. कई बार इसके कारण शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का बैलेंस बिगाड़ता है और बचा हुआ पानी शरीर में मौजूद फैट सेल्‍स में जमा हो जाता है. इससे शरीर में सूजन आने लगती है और वजन बढ़ता है. 

दिमाग पर भी असर

जरूरत से ज्‍यादा पानी पीने से शरीर में सोडियम का लेवल भी तेजी से घट सकता है. सोडियम की कमी सीधे दिमाग पर असर डालती है. इससे सिरदर्द, थकान, भूलने की बीमारी, चिड़चिड़ापन जैसी समस्‍याएं हो सकती हैं. कई बार दिमाग में सूजन भी आ सकती है, जो कि काफी खतरनाक हो सकता है.

कितना पानी पीना चाहिए?

अब सवाल है कि आखिर कितना पानी पीया जाए?  इस मामले में कोई गाइडलाइन तय नहीं है. सबके शरीर की जरूरत अलग-अलग होती है. आप जितना शारीरिक श्रम करते हैं, पसीना बहाते हैं, आपके शरीर को उतने ज्‍यादा पानी की जरूरत होती है. आमतौर पर व्‍यक्ति को रोजमर्रा में 3 से 4 लीटर पानी पीना पर्याप्‍त होता है. लेकिन अगर आप ज्‍यादा शारीरिक मेहनत करते हैं, तो आपके शरीर की जरूरत इससे ज्‍यादा भी हो सकती है.  इस जरूरत को समझकर आपको पानी पीना चाहिए. ज्‍यादा पानी पीना फायदेमंद होता है, ये सोचकर जबरदस्‍ती पानी नहीं पीना चाहिए. अगर आप रोजाना जबरन पानी पी लेते हैं तो ओवर हाइड्रेशन की समस्‍या हो सकती है.