Hypertension को आम बोलचाल में लोग High BP कहते हैं. बीते कुछ समय से ये समस्‍या काफी कॉमन होती जा रही है. ये काफी गंभीर समस्‍या है जो हार्ट अटैक, ब्रेन स्‍ट्रोक और किडनी फेल्‍योर जैसी सीरियस मेडिकल कंडीशन पैदा सकता है. बढ़ती उम्र, मोटापा, फिजिकली एक्टिव न होना, शराब-सिगरेट की लत और आनुवांशिकता को हाई बीपी की बड़ी वजह माना जाता है. इसके अलावा ज्‍यादा नमक खाने से भी हाइपरटेंशन की समस्‍या हो सकती है. आपने अपने घरों में भी बड़े-बुजुर्गों को ज्‍यादा नमक न खाने की सलाह देते हुए सुना होगा. लेकिन क्‍या आपको पता है कि ज्‍यादा नमक आखिर कैसे हाई बीपी की वजह बन सकता है? हर साल 17 मई को विश्‍व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर यहां जानिए आखिर क्‍यों तेज नमक खाने की आदत को हाई बीपी की वजह माना गया है.

ज्‍यादा नमक क्‍यों बढ़ाता है हाई बीपी का रिस्‍क

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इस मामले में नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ. रमाकान्‍त शर्मा कहते हैं कि नमक हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है, लेकिन सीमित मात्रा में. नमक के जरिए शरीर को आयोडीन और सोडियम मिलता है. आयोडीन थायरॉयड ग्लैंड को रेगुलेट करने और बॉडी में फ्ल्यूड्स की मात्रा संतुलित करता है. वहीं मसल्स-नर्व और ब्लड प्रेशर को मेंटेन करने के लिए सोडियम जरूरी है. ज्‍यादा नमक के सेवन से शरीर में जरूरत से ज्‍यादा सोडियम की मात्रा पहुंच सकती है और अगर सोडियम की मात्रा ज्‍यादा हो जाए तो वो शरीर के लिए हानिकारक हो जाती है. ज्‍यादा सोडियम के कारण शरीर में पानी जमा हो जाता है, जिसे वॉटर रिटेंशन भी कहते हैं. वॉटर रिटेंशन के कारण शरीर में सूजन आती है और हाई ब्‍लड प्रेशर का रिस्‍क बढ़ जाता है.

दिनभर में कितना नमक खाना चाहिए

डब्ल्यूएचओ की मानें तो एक सामान्‍य वयस्‍क व्‍यक्ति को दिनभर में 5 ग्राम नमक से ज्‍यादा नहीं खाना चाहिए. इससे ज्‍यादा नमक अगर कोई शख्‍स खाता है तो नमक उसके शरीर को नुकसान पहुंचाएगा. इतना ही नहीं अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक जो लोग पहले से हाई बीपी की समस्‍या से जूझ रहे हैं, उन्‍हें दिनभर में 1.5 ग्राम से अधिक नमक नहीं खाना चाहिए.

हाई बीपी की समस्‍या से बचने के तरीके

  • नमक संतुलित मात्रा में खाएं. खाने में फलों आदि में ऊपर से नमक डालकर खाने की आदत को छोड़ें.
  • नियमित रूप से वर्कआउट करें ताकि आपका वेट न बढ़े और शरीर फिट रहे.
  • योग और मेडिटेशन करें ताकि आपका दिमाग शांत रहे और तनाव से बचे रहें. तनाव को भी हाई  बीपी की वजह माना जाता है. 
  • अगर आपके घर में हाई बीपी की फैमिली हिस्‍ट्री रही है, तो 40 साल के बाद नियमित रूप से जांच करवाएं. 
  • अगर आप हाई बीपी की कोई दवा ले रहे हैं, तो उसे नियमित रूप से समय पर लेते रहें. 
  • गरिष्‍ठ और चिकनाईयुक्‍त भोजन, जंकफूड, फास्‍टफूड, प्रोसेस्‍ड मीट, पैकेट बंद चीजें आदि को खाने से परहेज करें. 
  • फल, हरी सब्जियां, सलाद, जूस आदि हेल्‍दी चीजों को डाइट में शामिल करें.