दिल हमारे शरीर का बहुत महत्‍वपूर्ण अंग माना जाता है. ये आपके शरीर के तमाम हिस्‍सों में ऑक्‍सीजन पहुंचाने का काम करता है. लेकिन कुछ समय से दुनियाभर में हार्ट से जुड़ी परेशानियां और इसके कारण होने वाली मौत के आंकड़े तेजी से बढ़े हैं. हार्ट की समस्‍याओं के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन और वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन की ओर से हर साल 29 सितंबर को वर्ल्‍ड हार्ट डे (World Heart Day) मनाया जाता है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस मामले में डॉ. राजकुमार सक्‍सेना कहते हैं कि आज के समय में खराब लाइफस्‍टाइल को हार्ट की बीमारियों की सबसे बड़ी वजहों में से एक माना जाता है. लेकिन लोग इसकी गंभीरता को नहीं समझते और तमाम गलतफहमियों के शिकार होते हैं. गलतफहमियों की आड़ में वे तरह-तरह की दलील देकर अपने शौक को  पूरा करते हैं और अपनी सेहत के साथ खुद खिलवाड़ करते हैं क्‍योंकि हार्ट के मामले में लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं होती. वरना आप अपनी जान को खुद ही जोखिम में डालने का काम करते हैं. अगर आपके दिमाग में भी हैं ये गलतफहमियां तो आज से ही इन्‍हें दूर कर लें.

दिल से जुड़े 5 मिथक

 

हार्ट की बीमारी तो बुजुर्गों को होती है?

ये सोच अगर आपकी भी है, तो आप बिल्‍कुल गलत हैं. हार्ट की समस्‍याओं का उम्र से कोई लेना-देना नहीं होता है. डब्ल्यूएचओ और अमेरिकन जर्नल की एक स्‍टडी के मुताबिक 30 से 40 साल के बीच के युवाओं में 13 प्रतिशत हार्ट की समस्‍याएं बढ़ीं हैं. मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज़ जैसी कई बीमारियां युवाओं के बीच हार्ट की समस्‍याओं की वजह बन सकती हैं.

अभी मैं जवान हूं तो कुछ भी खा सकता हूं?

कई बार लोगों को किसी चीज को खाने के लिए टोको, वो कहते हैं कि अभी बूढ़ा नहीं हुआ हूं, अभी मैं सब कुछ खा सकता हूं. हो सकता है कि आपने भी ये तर्क हो सकता है कई बार दिया हो. ये सच है कि बुजुर्ग और यंग लोगों के एनर्जी लेवल में फर्क होता है, लेकिन किसी भी फूड को डाइजेस्‍ट करने के लिए फिजिकल एक्टिविटीज की भी जरूरत होती है, जो कि आज के समय में न के बराबर है. ऐसे में आप किसी भी उम्र के हों, सभी को संतुलित खानपान लेने की जरूरत है, ताकि मोटापे और अन्‍य समस्‍याओं से बचा जा सके, जो हार्ट की बीमारियों की बड़ी वजह मानी जाती हैं.

मेरी डायबिटीज तो कंट्रोल है, हार्ट को कोई नुकसान नहीं होगा?

डायबिटीज कम होना अच्‍छी बात है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आपकी बीमारी पूरी तरह से ठीक हो गई है और अब आपके लिए किसी तरह का रिस्‍क नहीं बढ़ सकता. डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है जो कभी पूरी तरह ठीक नहीं होती. ऐसे में ये कंट्रोल रहने पर आपके लिए किसी भी तरह के रिस्‍क को कम कर सकती है, लेकिन कभी खत्‍म नहीं कर सकती. डायबिटीज के कारण भी हार्ट की तमाम परेशानियां होती हैं. एक्‍सपर्ट्स का मानना है कि कार्डियो वैस्कुलर डिसीज के वो पेशेंट जिन्हें पहले से ही डायबिटीज है उन्हें हार्ट अटैक आने की 80% आशंका ज्यादा होती हैं.

अधिकतर 45 साल के बाद होती है कोलेस्‍ट्रॉल की समस्‍या?

आप भी ऐसा सोचते हैं तो धारणा बदल दीजिए. कोलेस्‍ट्रॉल की समस्‍या गलत खानपान का नतीजा है और ये कभी भी हो सकती है. आपको हर 5 सालों में कोलेस्ट्रॉल की जांच करानी चाहिए. अगर फैमिली हिस्‍ट्री रही है तो आपको ज्‍यादा अलर्ट रहने की जरूरत है.

मेरी फैमिली हिस्‍ट्री है तो मैं हार्ट की समस्‍या से नहीं बच सकता?

ये सच है कि किसी भी बीमारी की फैमिली हिस्‍ट्री होने पर परिवार से जुड़े अन्‍य सदस्‍यों को भी इसका खतरा रहता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो बीमारी होकर ही रहेगी और उससे बचने के सारे तरीके व्‍यर्थ हैं. वास्‍तव में अगर आप अपनी हेल्‍थ को लेकर सचेत हैं और हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल को फॉलो करते हैं तो आप अपने लिए हार्ट से जुड़ी बीमारी के रिस्‍क को काफी हद तक कम कर सकते हैं.