World Environment Day 2024: क्यों हर साल 5 जून को मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस? जानें इतिहास, महत्व और थीम
World Environment Day History and Significance: विश्व पर्यावरण दिवस का मकसद लोगों को पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं के प्रति जागरुक करना है ताकि उन समस्याओं का समाधान ढूंढकर लोगों के जीवन को आसान बनाया जा सके.
World Environment Day 2024: हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है. इस दिन का मकसद लोगों को पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं के प्रति जागरुक करना है ताकि उन समस्याओं का समाधान ढूंढकर लोगों के जीवन को आसान बनाया जा सके. हर साल विश्व पर्यावरण दिवस की एक थीम निर्धारित की जाती है. साथ ही तमाम देशों में अलग-अलग तरीके से पर्यावरण को लेकर लोगों को जागरुक करने के लिए तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. जानिए कैसे हुई थी इस दिन की शुरुआत-
पहली बार कब मनाया गया विश्व पर्यावरण दिवस
पर्यावरण दिवस मनाने की नींव 1972 में पड़ी, जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने पहला पर्यावरण दिवस मनाया. स्वीडन की राजधानी स्टाॅकहोम में 5 जून को सम्मेलन हुआ था और इसमें 119 देशों ने भाग लिया. उसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिन को हर साल 5 जून को पर्यावरण दिवस के तौर मनाने का ऐलान किया. तब से हर साल ये दिन 5 जून को मनाया जाने लगा.
क्या है उद्देश्य
पर्यावरण का मतलब एक पूरे प्राकृतिक परिवेश से होता है जिसमें हवा, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधे, जानवर और अन्य जीव-जंतु सभी शामिल होते हैं और एक-दूसरे के साथ जुड़कर एक समग्र इकोसिस्टम का निर्माण करते हैं. लेकिन मौजूदा समय में जिस तरह से पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है, उससे इंसानों का जीवन खतरे में पड़ गया है. प्रदूषण हर दिन बढ़ रहा है और पेड़ों को काटा जा रहा है, जिससे गर्मी तेजी से बढ़ रही है, पानी की कमी हो रही है, शुद्ध हवा और ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. इससे जीव-जंतु से लेकर धरती पर मौजूद सभी चीजों को नुकसान पहुंच रहा है. इन स्थितियों को लेकर लोगों को जागरुक करने और समस्याओं का समाधान ढूंढने के उद्देश्य से हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है.
ये है पर्यावरण दिवस की थीम
हर साल विश्व पर्यावरण दिवस की थीम निर्धारित की जाती है. साल 2023 में विश्व पर्यावरण दिवस की थीम 'Solutions to Plastic Pollution' थी. ये थीम प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान पर आधारित थी. वहीं साल 2024 की थीम 'Land Restoration, Desertification And Drought Resilience' है. इस थीम का मतलब 'भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने की क्षमता' है.