World Diabetes Day 2022: डायबिटीज डे का थीम और महत्व, क्या खाएं और किन चीजों को रखें डायट से दूर, कई मिथ जिनको जानना जरुरी
World Diabetes Day 2022: डायबिटीज के खतरे को लेकर लोगों को अलर्ट करने और इससे बचाव को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है. इसको लेकर कई मिथ हैं जिसको समय पर जानना जरूरी है.
World Diabetes Day 2022: वर्ल्ड डायबिटीज डे हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है. WHO के मुताबिक हर साल डायबिटीज से 40 लाख लोगों की मौत हो जाती है. इसका सबसे बड़ा कारण हमारी खराब लाइफस्टाइल है. डायबिटीज महिला, पुरुष, बच्चे, बुजुर्ग, यूथ किसी को भी हो सकती है इसके लक्षण पहचानने और इसका समय पर इलाज कराने की जरूरत है. लोगों को इस बीमारी के लिए जागरूक करने के लिए यह खास दिन मनाया जाता है. तो चलिए डॉक्टर वसीम हक से जानते हैं डायबिटीज से कैसे बचाव किया जा सकता है.
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क्या है इस साल की थीम
इस साल की थीम एजुकेशन टू प्रोटेक्ट टुमॉरो (education to protect tomorrow) है. जिसका उद्देश्य PAHO स्वास्थ्य टीम और मधुमेह से पीड़ित लोगों , उनकी देखभाल करने वालों और सामान्य रूप से समाज दोनों के लिए मधुमेह पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच को मजबूत करना है.
क्या है इस बीमारी का कारण गलत जीवन शैली, खराब खान-पान, अपर्याप्त नींद और तनाव हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं. लोगों को इसका अंदाजा भी नहीं होता कि उनका शुगर लेवल बढ़ गया है. अगर आप अपने शरीर से आने वाले संकेतों पर ध्यान दें तो इस बीमारी को शुरुआत में बढ़ने से रोका जा सकता है. इनका समय पर इलाज किया जाए तो ब्लड शुगर को बढ़ने से रोका जा सकता है. मधुमेह से पहले दिखने वाले लक्षण मधुमेह होने से पहले शरीर में कई तरह के लक्षण दिखने लगते हैं. जिनमें पसीना और चक्कर आना मुख्य है. इसके अलावा ब्लड शुगर लेवल बढ़ने के बाद बॉडी का तापमान असंतुलित होने लगता है. मधुमेह शरीर के तापमान को कंट्रोल करने की क्षमता को कम कर देता है. इससे अत्यधिक पसीना आना या बहुत कम पसीना आना जैसे लक्षण हो सकते हैं. पैरों पर पसीना आना, चक्कर आना मधुमेह के कुछ प्रमुख लक्षण हैं. अचानक से वजन कम होने पर भी डॉक्टरी सलाह लें. डायबिटीज को लेकर मिथ्स1. डायबिटीज कोई जेनेटिक बीमारी नहीं
ज्यादातर लोगों को लगता है कि अगर आपके परिवार में किसी को डायबिटीज नहीं है तो आपको भी नहीं होगा. लेकिन यह सच नहीं हैं, आपको कई अन्य कारणों से यह बीमारी हो सकती है. यह सच है कि डायबिटीज का जेनेटिक खतरा अधिक होता है यानी कि यदि आपके माता-पिता या भाई-बहन में किसी को डायबिटीज है तो आपमें भी इसके विकसित होने का खतरा अधिक हो जाता है.
2. चावल-आलू से करें परहेज
डायबिटीज को लेकर खान-पान से संबंधित कई प्रकार के मिथ्स हैं, ऐसा लोग कहते हैं कि डायबिटिक लोगों को चावल-आलू जैसी चीजों से परहेज करना चाहिए, असल में इनमें कार्बोहाइड्रेट की अधिकता होती है, कार्बोहाइड्रेट ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा देती है. हालांकि डॉक्टर भी कार्बोहाइड्रेट से पूरी तरह परहेज करने को नहीं कहते हैं. कार्बोहाइड्रेट से बॉडी में एनर्जी मिलती है. ऐसे में इससे परहेज के कारण आप में थकान और कमजोरी हो सकती है.
3. डायबिटीज की दवाइयों की जरूरत नहींडायबिटीज के ज्यादातर लोग ब्लड शुगर का स्तर कंट्रोल में आते ही डायबिटीज की दवाइयां बंद कर देते हैं. लेकिन ये गलत है. इससे आपको काफी नुकसान हो सकता है. मधुमेह को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है, इसे बस दवाइयों कंट्रोल करने का प्रयास किया जाता है. खुद से ही दवाइयां बंद कर देने से अचानक शुगर लेवल के बहुत बढ़ जाने का खतरा रहता है जिसके कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है. कई बार यह ऑर्गन फेलियर का भी कारण बन सकती है.
4. डायबिटीज सिर्फ ब्लड शुगर की समस्या नहींडायबिटीज मेटाबॉलिज्म में होने वाली गड़बड़ी के कारण होने वाली समस्या है जिससे ब्लड में शुगर की मात्रा काफी बढ़ जाती है, पर यह शरीर के कई अन्य ऑर्गन की दिक्कतें भी हो सकती है. डायबिटीज के लोगों को लोगों आंखों, किडनी, लिवर, जैसी बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है.
हेल्दी डायट के लिए अपनाएं ये टिप्स- चीनी को रखें दूर- चीनी में काफी मात्रा में कैलोरी होती हैं. चीनी का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज और दिल के रोगों का रिस्क काफी ज्यादा बढ़ जाता है.अगर मीठा खाने के शौकीन है तो शक्कर, शहद, गुड़ ले सकते हैं.
- एक्सरसाइज को करें शामिल- खाना खाने के बाद वॉक जरूर करें. योग और एक्सरसाइज करना भी जरूरी है. आधे घंटे तक नियमित रूप से एक्सरसाइज करें. शरीर के एक्टिव रहने से इम्यूनिटी और मेटाबॉलिज्म बढ़ता है जिससे बीमारियों से बचने में मदद मिलती है
- रोज खाएं सब्जियां और हर्ब्स- हरी सब्जियां खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल नियंत्रित रहता है. अपने खाने में करेला, मेथी, पुदीना, बैंगन, गाजर, मूली जैसी सब्जियां शामिल करें.इन सब्जियों के अलावा कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स जैसे त्रिफला, नट ग्रास, हिमालयन सीडर का भी सेवन जरूर करें. अपनी डायट में फाइबर वाले फूड शामिल करें. भरपुर मात्रा में पानी पिएं, भरपुर नींद लें. भोजन में दालचीनी, क्रोमियम और मैग्नीशियम और ज्यादा से ज्यादा रही पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें और शरीर के वजन को कंट्रोल में रखें. मीठे ,व्यंजन, मिठाई, मैदे से बने खाद्य पदार्थ जैसे कि पास्ता या वाइट ब्रेड, प्रोसेस्ड फूड्स या डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ, शीतल पेय, चीनी आदि से परहेज करें
- शराब और धूम्रपान बंद कर दें- शराब का सेवन करने से और धूम्रपान करने से इंसुलिन फंक्शन के बंद होने का रिस्क बढ़ता है. इन्सुलिन कार्बोहाइड्रेट को ब्रेक करके ग्लूकोज में बदलता है जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित होती है. सिगरेट, तंबाकू का रोजाना सेवन काफी हानिकारक हो सकता है.
- अच्छी नींद लें- अगर आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो आपका इंसुलिन रेजिस्टेंस के रिस्क में आ सकता है. नींद कम होने से पूरे दिन थकान महसूस होती है और कमजोरी महसूस होती रहती है. इस कारण हार्मोन असंतुलित हो सकते हैं. इससे ब्लड शुगर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि रोजाना 8 घंटे की नींद जरूर पूरी करें.