Cancer Disease: कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनकर ही इंसान घबरा जाता है. ज्‍यादातर कैंसर के मामले तीसरी या चौथी स्‍टेज में पता चलते हैं और तब तक स्थिति काफी गंभीर हो जाती है. समय के साथ कैंसर तेजी से दुनियाभर में पैर पसार रहा है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार साल 2020 में कैंसर की वजह से लगभग 10 मिलियन लोगों की मौत हुई है. वैसे तो कैंसर होने की कई वजह हो सकती हैं, लेकिन इसकी एक बड़ी वजह हमारी खराब लाइफस्‍टाइल और गलत आदतें भी हैं. कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए लोगों को अलर्ट करने के उद्देश्‍य से हर साल 4 फरवरी को विश्‍व कैंसर दिवस मनाया जाता है. आज इस मौके पर हम आपको बताएंगे खानपान की कुछ ऐसी आदतों के बारे में जो आपको कैंसर की ओर धकेल सकती हैं.

शराब

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक समय था जब शराब जैसी चीजों को लोग हाथ लगाना भी पसंद नहीं करते थे, लेकिन आज के समय में ये बहुत कॉमन हो चुकी है. ऐसे तमाम शोध हैं जो ये बताते हैं कि जरूरत से ज्‍यादा शराब का सेवन कैंसर की बड़ी वजह बन सकता है. वैसे तो शराब से पूरी तरह से ही परहेज करना चाहिए, लेकिन फिर भी अगर आप कभी खास मौकों पर इसे लेना पसंद करते हैं, तो CDC की सलाह है कि महिलाओं को एक दिन में एक ड्रिंक और पुरुषों को दो ड्रिंक से ज्‍यादा नहीं लेना चाहिए.

सोडा ड्रिंक

सोडा ड्रिंक आजकल यूथ की पसंद है. कई बार तो लोग गर्मियों में पानी की जगह भी सोडा लेना पसंद करते हैं. लेकिन कुछ शोध बताते हैं कि डार्क कलर के सोडे में 4-मेल (4-Mel) होता है, जिसे कैंसर का तत्‍व माना जाता है. ऐसे में अगर आप सोडा को अधिकतर पीना पसंद करते हैं, तो ये आपके लिए मुश्किल बढ़ा सकता है और कैंसर का रिस्‍क पैदा कर सकता है.

सिगरेट 

तंबाकू को भी कैंसर की बड़ी वजह माना जाता है. सिगरेट, बीड़ी, गुटखा और हुक्का भी तंबाकू का ही एक प्रकार है. बस इनके जरिए तंबाकू के सेवन का तरीका बदल जाता है. ज्‍यादातर लोगों को लगता है कि तंबाकू के कारण मुंह का कैंसर हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है. अगर तंबाकू को गुटखा या पान मसाले के तौर पर चबाकर खाते हैं तो मुंह और गले का कैंसर होने का रिस्‍क बढ़ता है. लेकिन अगर तंबाकू को सिगरेट, हुक्का या बीड़ी के जरिए लेते हैं तो फेफड़ों का कैंसर हो सकता है. इसके अलावा हार्ट की समस्या और गैंगरीन जैसी गंभीर बीमारी का रिस्‍क भी बढ़ता है.

ये भी हैं कैंसर की वजह

इन सबके अलावा अत्‍यधिक मोटापा, रेडिएशन या धूप के संपर्क में ज्‍यादा रहना, फैमिली हिस्‍ट्री, क्रॉनिक डिजीज, पैसिव स्‍मोकिंग, जेनेटिक म्यूटेशन, हॉर्मोन्स, इम्यून से जुड़ी स्थितियां, ओवर एक्टिवेशन आदि कारणों से भी कैंसर की बीमारी का जोखिम काफी बढ़ जाता है.

 

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें