Women Reservation Bill 2023: संसद से बिल पास होने के बाद महिला सांसदों ने यूं मनाया जश्न, पीएम मोदी ने शेयर कीं तस्वीरें
राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल के पास होने के बाद महिला सांसदों ने भी जश्न मनाया और अपनी खुशी को पीएम नरेंद्र मोदी से बांटा. पीएम ने महिलाओं की खुशी जाहिर करते हुए तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर किया है.
Women Reservation Bill 2023 Updates: नारी शक्ति वंदन अधिनियम गुरुवार को राज्यसभा से भी पास हो गया. इसके पक्ष में सदन में 214 वोट पड़े जबकि विरोध में एक भी वोट नहीं पड़े. अब इस बिल को कानून के तौर पर लागू किया जाएगा और कानून बनते ही लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी. बिल पास होने के बाद महिला सांसदों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
अपनी खुशी का इजहार करते हुए महिला सांसदों ने पीएम नरेंद्र मोदी को बुके दिए, स्टॉल पहनाकर उनका स्वागत किया और विक्ट्री साइन के साथ पीएम के साथ ग्रुप फोटो खिंचवाई. इस बीच महिला सांसदों के हाथ में मिठाई के डिब्बे भी नजर आए. पीएम ने भी झुककर महिलाओं का अभिवादन किया. महिला सांसदों की खुशी इजहार करते हुए इन तस्वीरों को पीएम नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है.
27 सालों से लंबित था ये बिल
राज्यसभा में पास हुए महिला आरक्षण बिल पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि 'हम हमेशा कहते थे कि मोदी है तो मुमकिन है' आज उन्होंने ये फिर साबित कर दिया. बता दें कि Women Reservation की मांग लंबे समय की जा रही है. लोकसभा और राज्यसभा में बिल पास होने के साथ ही संसद और विधानसभाओं में महिला सशक्तिकरण की राह में बीते 27 साल से पड़ा सूखा खत्म हो गया. बता दें कि इस बिल की राह आसान नहीं रही है. यूपीए सरकार 2010 में राज्यसभा में इसे जरूर पारित कराने में सफल रही, लेकिन तब यह विधेयक लोकसभा में लटक गया था.
पीएम मोदी ने बताया लोकतांत्रिक यात्रा का ऐतिहासिक क्षण
बिल पास होने के बाद पीएम मोदी ने भी सभी सांसदों का शुक्रिया अदा किया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उन्होंने लिखा ' हमारे देश की लोकतांत्रिक यात्रा का एक ऐतिहासिक क्षण! 140 करोड़ भारतवासियों को बहुत-बहुत बधाई! नारी शक्ति वंदन अधिनियम से जुड़े बिल को वोट देने के लिए राज्यसभा के सभी सांसदों का हृदय से आभार. सर्वसम्मति से इसका पास होना बहुत उत्साहित करने वाला है. इस बिल के पारित होने से जहां नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व और मजबूत होगा, वहीं इनके सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरुआत होगी. यह सिर्फ एक कानून नहीं है, बल्कि इसके जरिए राष्ट्र निर्माण में अमूल्य भागीदारी निभाने वाली देश की माताओं, बहनों और बेटियों को उनका अधिकार मिला है. इस ऐतिहासिक कदम से जहां करोड़ों महिलाओं की आवाज और बुलंद होगी, वहीं उनकी शक्ति, साहस और सामर्थ्य को एक नई पहचान मिलेगी'.