National Women's Day 2024: 'नाइटिंगेल ऑफ इंडिया' सरोजिनी नायडू की जयंती को राष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर क्यों मनाते हैं?
Sarojini Naidu Jayanti 2024: सरोजिनी नायडू भारतीय साहित्यिक इतिहास की महान कवित्रियों में से एक थीं, इस कारण उन्हें 'नाइटिंगेल ऑफ इंडिया' भी कहा जाता है. जानिए उनकी जयंती को राष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर क्यों मनाते हैं.
Sarojini Naidu Jayanti: आज जानी-मानी कवयित्री और स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू (Sarojini Naidu) की जयंती है. उनकी जयंती को भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है. सरोजिनी नायडू ने भारत के राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. देश की आजादी के बाद सरोजिनी नायडू को पहली महिला राज्यपाल बनने के गौरव प्राप्त हुआ. सरोजिनी नायडू भारतीय साहित्यिक इतिहास की महान कवित्रियों में से एक थीं, इस कारण उन्हें 'नाइटिंगेल ऑफ इंडिया' भी कहा जाता है. आइए आपको बताते हैं कि सरोजिनी नायडू के जन्मदिन को राष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर क्यों मनाया जाता है.
जानिए क्यों आज मनाया जाता है राष्ट्रीय महिला दिवस
भारत कोकिला सरोजिनी नायडू ने महिलाओं के विकास में महत्वपूर्ण योगदान निभाया है. उन्होंने भारतीय समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई. आम महिलाओं को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया. उनका मानना था कि यदि पुरुष देश की शान है तो महिला उस देश की नीव है. उनके कार्यों और महिलाओं के अधिकारों के लिए उनकी भूमिका को देखते हुए 13 फरवरी 2014 को भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत की गई.
पहली महिला गवर्नर
सरोजिनी नायडू महात्मा गांधी के विचारों से बहुत प्रभावित थीं. उन्होंने गांधी जी के अनेक सत्याग्रहों में भाग लिया और 'भारत छोड़ो' आंदोलन में जेल भी गईं. वे कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थी. 1928 में उन्हें केसर-ए-हिंद से सम्मानित किया गया. देश की आजादी के बाद वह गवर्नर बनने वाली पहली महिला थीं. उन्होंने उत्तर प्रदेश के गवर्नर का पद भार संभाला था.
महात्मा गांधी ने दी थी 'भारत कोकिला' की उपाधि
सरोजिनी नायडू 20वीं सदी की सबसे लोकप्रिय महिलाओं में से एक मानी जाती थीं. वे बचपन से ही कविताएं लिखा करती हैं. साहित्य में उनका विशेष योगदान है. 1905 में उनकी कविताओं का पहला संग्रह 'गोल्डन थ्रेशोल्ड' प्रकाशित हुआ. उनकी बेहतरीन लेखनी के चलते महात्मा गांधी ने उन्हें 'भारत कोकिला' की उपाधि दी थी. सरोजिनी नायडू ने एक कवियित्री के तौर पर कई कविताएं लिखीं, उनमें से कुछ को पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया है. साहित्य में उनका योगदान पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. सरोजिनी नायडू की प्रमुख किताबों में भारतीय बुनकर, किताबिस्तान, समय का पक्षी, द फेदर ऑफ द डॉन, भारत का उपहार, पालकी ढोने वाले आदि शामिल हैं.