Ghevar in Monsoon: बारिश के मौसम में ही क्यों खाया जाता है घेवर, कैसे ये सावन की हिट मिठाई बन गया?
सावन के महीने में घेवर की बिक्री जमकर होती है, लेकिन क्या आपके दिमाग में ये सवाल आया कि से सिर्फ बारिश के मौसम में ही क्यों बिकता है?
मार्केट में तमाम मिठाइयां हैं जो पूरे साल आपको देखने को मिलती हैं. लेकिन घेवर एक ऐसी मिठाई है जो मानसून के महीने में ही नजर आती है. सावन के दिनों में इसकी बिक्री जमकर होती है. एक तरह से देखा जाए तो ये सावन की हिट मिठाई है. लेकिन क्या आपको पता है कि ये मिठाई बारिश के मौसम में ही क्यों बिकती है? आइए आपको बताते हैं इसका जवाब.
बारिश में इसलिए खाया जाता है घेवर
दरअसल बारिश के महीने में नमी बढ़ जाती है. ऐसे में दूसरी मिठाइयां ज्यादा दिनों तक अच्छी नहीं रह पातीं. इनमें नमी के कारण चिपचिपाहट हो जाती है. जबकि घेवर एक ऐसी मिठाई है जिसका स्वाद इस नमी से और ज्यादा बढ़ जाता है. मिठाई विक्रेताओं की मानें तो घेवर बरसात की नमी से खराब नहीं होते, बल्कि उनका स्वाद और ज्यादा बढ़ जाता है. बारिश की नमी इन्हें मुलायम कर देती है, जिससे घेवर का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है. यानी ये मौसम के अनुकूल मिठाई है. अगर घेवर पर खोया और पनीर न लगाया जाए तो इस मौसम में ये कई दिन तक खराब भी नहीं होता.
ये भी है एक वजह
इसके अलावा बारिश के मौसम में दूध और दूध से बनी चीजों को अवॉयड करने के लिए कहा जाता है क्योंकि इस मौसम में दूध से बनी किसी भी चीज को खाने से आपका पाचन तंत्र खराब होता है. समय के साथ घेवर में दूध, मावे और रबड़ी का इस्तेमाल होने लगा है. लेकिन पहले के समय में घेवर में ये चीजें नहीं पड़ती थीं. इसे सिर्फ मैदे, चीनी और पानी की मदद से तैयार किया जाता था. उस समय के लोग सेहत को लेकर काफी सजग रहा करते थे. ऐसे में घेवर के जरिए उनके मीठे की क्रेविंग भी खत्म हो जाती थी और उनकी सेहत भी ठीक रहती थी.
क्यों है सावन की हिट मिठाई
अब बात आती है कि घेवर आखिर कैसे सावन की हिट मिठाई बन गया? इसका जवाब है कि सावन के महीने में बारिश अपना पूरा जोर लगाती है. इसके अलावा इस महीने में हरियाली तीज, रक्षाबंधन जैसे कई बड़े त्योहार पड़ते हैं, जो मिठाई के बिना पूरे नहीं होते. चूंकि घेवर इस मौसम में ही आता है और काफी स्वादिष्ट भी लगता है, इस कारण से इन तमाम त्योहारों के मौकों पर घेवर की मांग अन्य मिठाइयों से ज्यादा बढ़ जाती है.
क्या है घेवर का इतिहास
घेवर के इतिहास की बात करें तो इसका कोई सटीक प्रमाण नहीं मिलता. लेकिन माना जाता है कि इस मिठाई की जड़ें राजस्थान से जुड़ी हैं. राजस्थान से ही घेवर देश के दूसरे शहरों में पहुंचा और काफी पसंद किया गया. इस तरह ये देश के तमाम हिस्सों में बिकने लगा और समय के साथ इसे और आकर्षक बनाने के लिए तमाम प्रयोग किए जाने लगे.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें