WHO ने इराक में भारत निर्मित कफ सिरप को दूषित और घातक बताया
डब्ल्यूएचओ के एक बयान के अनुसार, डैबीलाइफ फार्मा प्राइवेट लिमिटेड के लिए लिमिटेड भारत में बनी 'कोल्ड आउट' नाम की सर्दी की दवा है, जो इराक में बिक्री के लिए मिलती है. इसमें जहरीले रसायन होते हैं, ऐसा पिछले महीने रिपोर्ट में दावा किया गया था.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सोमवार को कहा कि पिछले महीने इराक में पाया गया दूषित सामान्य कोल्ड सिरप महाराष्ट्र स्थित एक भारतीय दवा कंपनी द्वारा निर्मित किया गया था. दूषित बैच का निर्माण फोरर्ट्स (इंडिया) लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया था. डब्ल्यूएचओ के एक बयान के अनुसार, डैबीलाइफ फार्मा प्राइवेट लिमिटेड के लिए लिमिटेड भारत में बनी 'कोल्ड आउट' नाम की सर्दी की दवा है, जो इराक में बिक्री के लिए मिलती है. इसमें जहरीले रसायन होते हैं, ऐसा पिछले महीने रिपोर्ट में दावा किया गया था.
परीक्षणों से पता चला कि सर्दी की दवा एथिलीन ग्लाइकॉल, एक जहरीले औद्योगिक विलायक से दूषित है.
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि सिरप का एक नमूना इराक में एक जगह से लेकर प्रयोगशाला विश्लेषण के लिए दिया गया था. रिपोर्ट में सामने आया कि सिरप में दूषित पदार्थ के तौर पर डायथिलीन ग्लाइकॉल (0.25%) और एथिलीन ग्लाइकॉल (2.1%) अस्वीकार्य मात्रा में पाए गए हैं.
एथिलीन ग्लाइकॉल और डायथिलीन ग्लाइकॉल दोनों की मात्रा 0.10% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की जरूरत से ज्यादा मात्रा इंसान के लिए जहरीली और घातक साबित हो सकती है. आज तक, कथित निर्माता और विक्रेता ने उत्पाद की सुरक्षा और गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ को गारंटी नहीं दी है.
बता दें कि भारत में बनने वाले कफ सिरप पर सवाल उठाने का ये पहला मामला नहीं है. पिछले साल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गाम्बिया में बच्चों की मौत के बाद भी अलर्ट जारी किया था. उस समय डब्ल्यूएचओ ने प्रोडक्ट में diethylene glycol और ethylene glycol का इस्तेमाल तय मानकों से ज्यादा होने की बात कही थी और उन दवाओं का इस्तेमाल न करने की बात कही थी.
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