राजधानी दिल्‍ली और एनसीआर में बुधवार की सुबह घने कोहरे के साथ हुई. इस कोहरे के कारण आम जनजीवन भी काफी प्रभावित हुआ. कोहरे की वजह से उन लोगों को खासकर काफी परेशानी उठानी पड़ी, जिन्‍हें सुबह जल्‍दी घर से निकलना होता है. बुधवार की सुबह सात बजे से लेकर दस बजे तक आइजीआई एयरपोर्ट के पास दृश्यता महज 50 मीटर रही, इसके कारण कई फ्लाइट देरी से उड़ रही हैं, वहीं इसके कारण कई ट्रेनें लेट हो रही हैं. सड़कों पर वाहनों की रफ्तार भी काफी धीमी नजर आयी.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मौसम विभाग के मुताबिक घने कोहरे की ये चादर बुधवार से शुक्रवार तक, लगातार तीन दिनों तक यूं ही छाई रहेगी. कोहरे को देखते हुए IMD ने आज बुधवार के लिए ऑरेंज अलर्ट और गुरुवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. साथ ही मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि नए साल की शुरुआत के मौके पर पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के इलाकों में 30 दिसंबर से 2 जनवरी तक हल्की बारिश हो सकती है. आइए यहां आपको बताते हैं कि आखिर मौसम विभाग कब ऑरेंज, येलो, रेड और ग्रीन अलर्ट जारी करता है और इनके मायने क्‍या होते हैं-

येलो अलर्ट (Yellow Alert)

खराब मौसम की आगामी स्थिति को बताने के लिए मौसम विभाग की ओर से येलो अलर्ट जारी किया जाता है. ये एक तरह से खतरे की घंटी होती है. ये जस्‍ट वॉच का सिग्‍नल है यानी मौजूदा स्थिति में बेशक खतरा नहीं है, लेकिन कभी भी मौसम की खतरनाक स्थिति आपके सामने आ सकती है, इसके लिए तैयार रहें.

ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert)

ऑरेंज अलर्ट येलो अलर्ट से एक कदम आगे की स्थिति है. इसका मतलब है कि खतरे ने दस्‍तक दे दी है. अब आपको लापरवाही नहीं करनी चाहिए. इसके बाद कभी भी मौसम की खतरनाक स्थिति आपके सामने आ सकती है. ऐसे में आप खुद को उस स्थिति से निपटने के लिए तैयार कर लें. ऑरेंज अलर्ट जारी होने पर संबंधित अधिकारियों को तैयार रहने को कहा जाता है और लोगों को इधर-उधर जाने पर सावधानी बरतने के लिए कहा जाता है.

रेड अलर्ट (Red Alert)

जब मौसम के बहुत ज्‍यादा खराब रहने और इसके कारण नुकसान होने की आशंका होती है, तब मौसम विभाग की तरफ से रेड अलर्ट जारी किया जाता है. ये मौसम की खतरनाक स्थिति का संकेत होता है. रेड अलर्ट लोगों को सचेत करने के लिए जारी किया जाता है कि अब आपको अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए तमाम नियमों का पालन करना चाहिए. सर्दियों में रेड अलर्ट का मतलब ठंडक की खतरनाक स्थिति से होता है, वहीं बारिश के मौसम में रेड अलर्ट का मतलब बाढ़, तूफान या नुकसानदेह बारिश से होता है. वहीं गर्मियों में बहुत ज्‍यादा गर्मी से होता है जो लोगों को बीमार कर सकती है. रेड अलर्ट के बाद लोगों को लापरवाही नहीं करनी चाहिए. ऐसे में उस मौसम के प्रकोप से बचने के लिए इंतजाम कर लेने चाहिए.

ग्रीन अलर्ट (Green Alert)

ग्रीन अलर्ट का मतलब तो आप सभी अच्‍छी तरह से समझते होंगे. इसका सीधा सा मतलब है कि मौसम एकदम क्‍लीयर है और घबराने की कोई बात नहीं है. आप खुद को सुरक्षित समझें, मौसम को लेकर बेफिक्र रहें और अपने रेग्‍युलर काम करें.