Vrishabh sankranti 2023: सनातन धर्म में वृषभ संक्रान्ति हिन्दुओं का एक मुख्य त्योहार है. इस दिन सूर्यदेव की पूजा से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य हर 30 दिन में राशि बदलता है. सूर्य के राशि बदलने को धर्म ग्रंथों में संक्रांति कहा गया है. 15 मई को सूर्य मेष से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करेगा, इसे वृषभ संक्रांति (Vrishabha Sankranti 2023) कहा जाएगा. आगे जानिए क्यों खास रहेगा सूर्य का राशि परिवर्तन…

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Vrishabh sankranti 2023: क्या है मान्यता

इस पर्व को लेकर मान्यता है कि जब सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं, उस दिन को संक्रांति के नाम से जाना जाता है. आज सूर्य देव मेष राशि से निकल कर वृष राशि में गोचर करेंगे इसलिए इसे वृषभ संक्रांति कहा जाएगा. वृषभ संक्रांति के दिन कुछ उपायों को करना बेहद शुभ शुभ माना जाता है. ऐसा करने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं. ज्येष्ठ माह में जल का विशेष महत्व है, पूरे माह जल का दान करने वालों को कभी आर्थिक परेशानी नहीं आती.

Vrishabh sankranti 2023:​​​​​​​ ऐसे करें पूजा

वृषभ संक्रांति के दिन सूर्य देव को जल अर्पित करें और अर्घ्य देते समय "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें. इसके साथ आज महादेव और पार्वती माता की पूजा करनी चाहिए. पूजा के समय एक घी की दीपक जलाएं.

Vrishabh sankranti 2023:​​​​​​​ इस दिन करें ये उपाय

  • भगवान विष्णु, महादेव और सूर्यदेव पूजा करनी चाहिए.
  • ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं.
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें
  • गौ माता की सेवा करना बेहद फलदायी माना जाता है.
  • गौशाला में गायों के लिए कुछ जरूरी सामान दान करें.
  • पितरों की आत्मा की शांति के लिए इस दिन तर्पण करना भी उचित माना जाता है.