Vijaya Dashami 2022: आज दशानन दहन के साथ आप भी अपने अंदर की इन 10 बुराइयों का करें अंत !
आज के दिन लोग जगह-जगह पर 10 सिर वाले रावण का पुतला बनाकर उसका दहन करते हैं. लेकिन सही मायने में रावण ये दस सिर उसकी 10 बुराइयों का प्रतीक हैं. वो बुराइयां जो ज्यादातर लोगों में होती हैं, लेकिन उन्हें उसका अहसास नहीं होता.
आज 5 अक्टूबर को देश भर में विजय दशमी का त्योहार मनाया जा रहा है. विजय दशमी के दिन भगवान राम ने रावण का अंत किया था. रावण को दशानन भी कहा जाता था क्योंकि उसके दस सिर थे. इस दिन श्रीराम से दशानन की हार हुई थी, इस दिन को दश+हारा यानी दशहरा कहा जाता है. आज के दिन लोग जगह-जगह पर 10 सिर वाले रावण का पुतला बनाकर उसका दहन करते हैं. लेकिन सही मायने में रावण ये दस सिर उसकी 10 बुराइयों का प्रतीक हैं. वो बुराइयां जो ज्यादातर लोगों में होती हैं, लेकिन उन्हें उसका अहसास नहीं होता. आज के दिन अगर आप वास्तव में इस पर्व को मनाना चाहते हैं तो दशानन दहन के साथ अपने अंदर की दस बुराइयों का अंत करने का संकल्प लें.
इन दस बुराइयों का अंत जरूरी
इस मामले में ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र कहते हैं दशहरे के दिन रावण दहन की परंपरा है क्योंकि इस दिन बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व मनाया जाता है. इस दिन 10 सिर वाले रावण को बुराई का प्रतिरूप मानकर जलाया जाता है. लेकिन वास्तव में ऐसा कोई शख्स नहीं है, जिसके अंदर कोई न कोई बुराई न हो. धार्मिक रूप से रावण के दस सिर को भी 10 बुराइयों का प्रतीक माना जाता है. वो बुराइयां जो आज भी तमाम लोगों के अंदर होती हैं और उनके जीवन, उनकी छवि और सुख-समृद्धि को प्रभावित करती हैं. अगर आप सही मायने में बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व मनाना चाहते हैं तो रावण दहन के साथ इन 10 बुराइयों को अपने अंदर से हमेशा के लिए दूर करें. ये 10 बुराइयां हैं -
- काम
- क्रोध
- लोभ
- मोह
- नशा
- द्वेष
- वासना
- भ्रष्टाचार
- अनैतिकता
- अहंकार
विजय दशमी शुभ मुहूर्त
दशहरा पूजन का विजय मुहूर्त दोपहर 02:07 बजे से 02:54 बजे तक केवल 47 मिनट का रहेगा. वहीं अपराह्न पूजा का समय दोपहर 01:20 बजे से 03:41 बजे तक करीब 2 घंटे 21 मिनट का रहेगा और रावण दहन का मुहूर्त सूर्यास्त के बाद से रात 08.30 मिनट तक है.
इसके अलावा भी कई शुभ संयोग
दशहरे पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं. इस दिन बेहद शुभ माना गया श्रवण नक्षत्र रहेगा. श्रवण नक्षत्र 4 अक्टूबर 2022 की रात 10:51 बजे से 5 अक्टूबर की रात 09:15 बजे तक रहेगा. इसके अलावा दशहरा या विजयादशमी पर तीन अन्य शुभ योग भी बन रहे हैं. दशहरा के दिन रवि योग 5 अक्टूबर की सुबह 6 बजकर 21 मिनट से रात 9 बजकर 15 मिनट तक रहेगा., सुकर्मा योग 8 बजकर 21 मिनट तक.और धृति योग 5 अक्टूबर को सुबह 8 बजकर 21 मिनट से 6 अक्टूबर को 05 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. खरीददारी के लिहाज से भी ये दिन बेहद शुभ है. दशहरे पर जमीन-जायदाद की खरीदारी, सोने के आभूषण, कार, मोटर साइकिल आदि हर तरह की खरीदारी की जा सकती है.