17 दिन बाद मिली नई जिंदगी! सिलक्यारा सुरंग का रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ पूरा, सभी 41 मजदूर सुरक्षित बाहर निकले
Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में पिछले 17 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को आज शाम सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है.
Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग में पिछले 17 दिन से फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है. अधिकारियों ने बताया कि सभी मजदूरों को एक-एक करके 800 मिमी के उस पाइप के जरिए बाहर निकाला जा गया है, जिसे मलबे में ड्रिल करके डाला गया था. सभी 41 मजदूर सुरक्षित हैं. उत्तराखंड के सीएम धामी ने कहा कि बचाए गए प्रत्येक श्रमिक को 1 लाख रुपये दिए जाएंगे. बौखनाग मंदिर का पुनर्निर्माण किया जाएगा.
पीएम मोदी ने कही ये बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, "उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है. टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है. मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे. इन सभी के परिजनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है. मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम करता हूं. उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है. इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है."
सीएम धामी ने की सराहना
मजदूरों को निकाले जाने के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह भी मौजूद रहे. बाहर निकल रहे श्रमिकों को मुख्यमंत्री ने अपने गले लगाया तथा उनसे बातचीत की. बचाव कार्य में जुटे लोगों के साहस की भी उन्होंने जमकर सराहना की.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सभी 41 मजूदरों को सुरंग से सुरक्षित निकाले जाने के बाद कहा कि राहत और बचाव कार्य में शामिल सभी एजेंसियों का आभार, यह बहुत ही कुशलता से अंजाम दिया गया एक समन्वित अभियान था. इसके लिए उन्होंने बचाव कार्य में शामिल सभी का धन्यवाद दिया.
चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे उसमें 41 श्रमिक फंस गए थे.