नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावरों को गिराने (Twin Tower Demolition) का दिन आ चुका है. आज रविवार को दोपहर में 2.30 बजे ट्विन टॉवर को ध्‍वस्‍त किया जाएगा. दिल्‍ली की कुतुबमीनार से भी ऊंची 100 मीटर की इन इमारतों को गिराने के लिए  37,00 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया जा रहा है. तय समय पर बटन दबाते ही महज 12 सेकंड के अंदर ट्विन टावरों को जमींदोज कर दिया जाएगा. 

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ब्लास्ट के बाद आकाश में करीब 300 मीटर की ऊंचाई तक धूल का गुबार उड़ने की उम्‍मीद जताई जा रही है. इस दौरान आसपास की सोसाइटी में रहने वाले लोगों को घर खाली करके सु‍रक्षित स्‍थानों पर पहुंचना होगा. लेकिन विशेषज्ञ सांस रोग विशेषज्ञ डॉ. निष्‍ठा सिंह की मानें तो ब्‍लास्‍ट के कुछ दिनों बाद तक भी आसपास रहने वाले लोगों के लिए हालात सामान्‍य नहीं होंगे. उनके लिए तमाम मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

ब्‍लास्‍ट के बाद की धूल बढ़ाएगी परेशानी

डॉ. निष्‍ठा सिंह की मानें तो किसी बिल्डिंग को ध्‍वस्‍त करने के बाद भारी मात्रा में जो धूल निकलती है, वो लोगों की सेहत पर बहुत बुरा असर डालती है. ऐसे में लोगों को सांस से जुड़े रोग होने का खतरा बढ़ जाता है. वहीं जो लोग पहले से अस्‍थमा या सांस की किसी अन्‍य बीमारी से ग्रसित हैं,  उनके लिए स्थिति गंभीर भी हो सकती है.  इसके अलावा छोटे बच्‍चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और हार्ट के रोगियों के लिए भी समस्‍या काफी बढ़ सकती है. इसके अलावा ये धूल एलर्जी की समस्‍या, स्किन से जुड़ी दिक्‍कत, आंखों में जलन, लालिमा जैसी परेशानियों की वजह बन सकती है.

इन सावधानियों को बरतना जरूरी

  • सबसे बेहतर है कि ट्विन टावर के आसपास रहने वाले लोगों को कुछ समय के लिए उस स्‍थान को छोड़ देना चाहिए, ताकि वायु प्रदूषण के दुष्‍प्रभाव से बच सकें. हालात सामान्‍य होने के बाद वे फिर से वापस आ जाएं.
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  • अगर आपके लिए क्षेत्र को छोड़कर जाना संभव नहीं है, तो आपको विशेष रूप से सावधानी बरतनी होगी. टावर गिरने के बाद कुछ समय तक किसी तरह के व्‍यायाम या मॉर्निंग वॉक से बचें. 
  • घर के अंदर की एयर क्‍वालिटी को सुधारने के लिए एयर प्‍यूरीफायर लगवाएं. घर से निकलना बहुत जरूरी तो ही निकलें और हमेशा मास्‍क का इस्‍तेमाल करें.
  • आंखों में जलन होने पर मसलें नहीं, साफ पानी से आंखों को धोएं. समस्‍या बढ़े तो विशेषज्ञ से परामर्श लें.
  • अगर सांस फूल रही हो, सीने में दर्द महसूस हो, तो इसे सामान्‍य समझकर न टालें, फौरन विशेषज्ञ को दिखाएं. स्किन या किसी अन्‍य तरह की एलर्जी होने पर भी विशेषज्ञ से परामर्श करें.
  • गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्‍चों, बुजुर्गों और सांस, हार्ट या किसी अन्‍य बीमारी से ग्रसित रोगियों को कुछ समय तक इन्‍हें कहीं और शिफ्ट कर दें और कुछ दिनों बाद हालात सामान्‍य होने पर ही घर में लाएं.