TV Actor Rituraj Singh Death: टीवी सीरियल अनुपमा में रेस्‍त्रां मालिक यशपाल का किरदार निभाने वाले एक्‍टर रितुराज सिंह के निधन की खबर सुनने के बाद हर कोई हैरान है. ऋतुराज की मौत की वजह कार्डियक अरेस्‍ट के कारण हुई है, लेकिन तमाम लोग इसे हार्ट अटैक कह रहे हैं. हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्‍ट दोनों ही इमरजेंसी की स्थितियां हैं, लेकिन इनके बीच काफी अंतर है. आइए आपको बताते हैं इस बारे में-

हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्‍ट में अंतर

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अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) के मुताबिक दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक की बड़ी वजह ब्‍लॉकेज होती है, जिसके कारण हृदय में ब्‍लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं हो पाता. ब्‍लड की सप्‍लाई ठीक से न हो पाने या रुक जाने के कारण हृदय की मांसपेशियों और ऊतकों को नुकसान पहुंचता है. ये स्थिति गंभीर और कई बार घातक हो जाती है. दिल का दौरा कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकता है, लेकिन दोनों स्थितियां एक जैसी नहीं हैं.

वहीं अगर कार्डियक अरेस्‍ट की बात करें तो इसमें हृदय पंप करना अचानक से बंद कर देता है और इसके कारण शरीर के अंगों में ब्‍लड की सप्‍लाई रुक जाती है. इसमें अगर मरीज को तुरंत इलाज न मिले तो उसकी जान जा सकती है. 

कार्डियक अरेस्‍ट के कारण

ज्‍यादातर मामलों में कार्डियक अरेस्‍ट तब होता है जब दिल के इलेक्ट्रिकल सिस्‍टम में दिक्‍कत आ जाती है. इस खराबी के कारण अनियमित दिल की धड़कन या अर्यथमिया होता है. वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन, अर्यथमिया का एक प्रकार है, जोकि कार्डियक अरेस्ट का मुख्य कारण है.  वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन में तेज दिल की धड़कन, हृदय के कांपने का कारण बनती है. इसके अलावा सामान्य से बढ़ा हुआ दिल या कार्डियोमायोपैथी और रक्त वाहिका असामान्यताएं आदि को कार्डियक अरेस्‍ट की वजह माना जाता है. जिन लोगों को पहले से दिल की कोई बीमारी है, उनमें कार्डियक अरेस्‍ट का रिस्‍क काफी ज्‍यादा होता है.

कार्डियक अरेस्‍ट के लक्षण

कार्डियक अरेस्‍ट के स्‍पष्‍ट लक्षण सामने नहीं आते. लेकिन कुछ संभावित लक्षण सामने आ सकते हैं जिन्‍हें देखकर मरीज को फौरन अस्‍पताल ले जाना चाहिए. ये लक्षण हैं- 

  • बेहोशी
  • सांस लेने में दिक्‍कत
  • अचानक से गिर जाना
  • व्यक्ति को हिलाने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं देना
  • पल्‍स महसूस न होना
  • चक्कर आना
  • जी मिचलाना
  • छाती में दर्द आद‍ि

हार्ट अटैक से ज्‍यादा खतरनाक

कार्डियक अरेस्‍ट को हार्ट अटैक से ज्‍यादा खतरनाक माना जाता है क्‍योंकि इसके स्‍पष्‍ट लक्षण सामने नहीं आते हैं. इसके अलावा हार्ट अटैक की तुलना में कार्डियक अरेस्‍ट में मरीज की जान बचने की संभावना बेहद कम होती है. इसमें फौरन इलाज न मिलने के कारण मरीजों की जान जाने का रिस्‍क बढ़ जाता है.

कार्डियक अरेस्‍ट की स्थिति में क्‍या करें

ये एक इमरजेंसी की स्थिति है, जिसमें मरीज को फौरन अस्‍पताल ले जाना जरूरी है. कार्डियक अरेस्ट के दौरान मरीज को फौरन कार्डियोपल्मोनरी रेसस्टिसेशन (CPR) दिया जाना चाहिए. इससे दिल की धड़कन को पूरी तरह रुकने से रोका जा सकता है और उसे फिर से रेग्‍युल‍र किया जा सकता है.

बचाव के लिए क्‍या करें

  • रोजाना फिजिकल एक्टिविटीज करें और वजन न बढ़ने दें.
  • कार्डियो एक्सरसाइज करें, जैसे- जॉगिंग या बैडमिंटन और फुटबॉल खेलें.
  • जंक फूड, बाहर के पैकेट बंद चीजें आदि से दूर रहें और हेल्‍दी फूड खाएं.
  • रात में समय से सोएं और सुबह जल्दी उठें.
  • स्ट्रेस से बचने के लिए मेडिटेशन वगैरह करें.
  • 30 की उम्र के बाद कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज आदि की जांच समय-समय पर कराते रहें.