नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के तमाम रूपों की पूजा की जाती है. मां दुर्गा को शक्ति स्‍वरूपा कहा गया है. इन दिनों में हर तरफ माता के जयकारों की गूंज होती है. कहीं दुर्गा पूजा का उत्‍सव मनाया जाता है, तो कहीं डांडिया और गरबा का माहौल होता है. आज वर्ल्‍ड टूरिज्‍म डे (World Tourism Day 2022) है, साथ ही नवरात्रि का दूसरा दिन है, इस मौके पर हम आपको बताएंगे कुछ ऐसी जगहों के बारे में जिनका नाम देवी के नाम पर रखा गया है. अगर आप इन शहरों में कभी घूमने के लिए जाएं, तो इन प्रसिद्ध देवी मंदिरों के दर्शन जरूर करें.

त्रिपुरा

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त्रिपुरा उत्तर-पूर्वी सीमा पर स्थित भारत का एक राज्य है. यहां घूमने के लिहाज से काफी पर्यटक आते हैं. लेकिन क्‍या आपने कभी सोचा है कि इस राज्‍य का नाम मातारानी के नाम पर रखा गया होगा? जी हां, इस राज्‍य का नाम मां त्रिपुर सुंदरी के नाम पर रखा गया है.  त्रिपुर सुंदरी माता का तांत्रिक स्‍वरूप है और दसमहाविद्याओं में से एक है. अगरतला से करीब 55 किलोमीटर की दूरी पर एक पहाड़ी पर मां त्रिपुर सुंदरी का आज भी एक मंदिर है. अगर आप कभी जाएं, तो वहां के दर्शन जरूर करें.

चंडीगढ़

चंडीगढ़ भी आप लोग कई बार गए होंगे. इस खूबसूरत शहर का नाम माता चंडी के नाम पर पड़ा है. यहां माता चंडी का मंदिर भी बना हुआ है. इस मंदिर की काफी मान्‍यता है. चंडीगढ़ में जाएं तो मां चंडी के इस मंदिर के दर्शन करना न भूलें.

मुंबई

मायानगरी मुंबई का नाम भी मातारानी के नाम पर ही रखा गया है. यहां की ग्राम देवी मां मुंबा को माना जाता है. मान्‍यता है कि समुद्र से आने वाली हर बाधा को मां मुंबा देवी हर लेती हैं, इसीलिए ये शहर आज तक सुरक्षित है. जावेरी बाजार के नजदीक मुंबा माता का मंदिर बना है. मुंबा यानी महा अंबा और आई को मराठी भाषा में मां कहते हैं. इस तरह इस शहर का नाम मुंबई पड़ा.

नैनीताल

कहा जाता है कि जब देवी सती ने अपने प्राणों की आहुति दी थी, तो उनकी आंखें इस शहर में गिरीं थीं. उस स्‍थान पर आज भी नैना देवी का मंदिर बना हुआ है. इस शहर में कई ताल हैं, नैना माता और ताल के संयोग से इस शहर को नैनीताल कहा जाता है.

पटना 

बिहार की राजधानी पटना की कहानी भी माता सती से जुड़ी है. कहा जाता है कि यहां माता सती की दाहिनी जांघ गिरी थी. उस स्‍थान पर पटन देवी का मंदिर बना है. पटन देवी के नाम पर इस शहर का नाम पटना पड़ा. पटना में स्थित पटन देवी मंदिर शक्ति उपासना का प्रमुख केंद्र है.

मंगलूरु

कर्नाटक का खूबसूरत शहर है मंगलूरु. इसे मंगलौर या मैंगलौर भी कहा जाता है. इस शहर का नाम मंगला देवी के नाम पर रखा गया था. मंगला देवी, माता पार्वती का ही रूप हैं.  9वीं शताब्दी में अलुपा राजवंश के राजा कुंदवर्मन ने इस मंदिर को बनवाया था.

दिल्‍ली

दिल्‍ली के एक हिस्‍से को कभी योगिनीपुर के नाम से जाना जाता था. ये नाम योगमाया माता के नाम पर रखा गया है. योगमाया मंदिर महरौली क्षेत्र में है. कहा जाता है कि ये बेहद प्राचीन मंदिर है. पांडवों ने इसका निर्माण करवाया था.