Budget 2024: बिहार को लेकर कई बड़े ऐलान, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर विष्णुपद और बोधगया का होगा कायाकल्प
Union Budget 2024: बिहार में सरकार का इरादा Spiritual Turism को बढ़ावा देने का है. इसके लिए विष्णुपद मंदिर और महाबोधि मंदिर का काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर कायाकल्प किया जाएगा और इसे ग्लोबल तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा.
Budget 2024: देश का केंद्रीय बजट पेश हो चुका है. इस बजट में तमाम सेक्टर्स को को काफी कुछ दिया गया. टूरिज्म सेक्टर की बात करें तो बिहार के लिए खासतौर पर सरकार ने अपना पिटारा खोला है और कई बड़े ऐलान किए हैं. बिहार में सरकार का इरादा Spiritual Turism को बढ़ावा देने का है. इसके लिए विष्णुपद मंदिर और महाबोधि मंदिर का काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर कायाकल्प किया जाएगा और इसे ग्लोबल तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा.
बिहार के लिए हुए ये बड़े ऐलान
अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि राजगीर, गया, नालंदा और बनारस में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा. विष्णुपद मंदिर और महाबोधि मंदिर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर ग्लोबल तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. इसे विश्वस्तरीय तीर्थ और पर्यटन स्थल के तौर पर तैयार किया जाएगा. इसके अलावा राजगीर का व्यापक विकास किया जाएगा. नालंदा विश्वविद्यालय को उसके गौरवशाली स्वरूप में पुनर्जीवित करके पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा.
ओडिशा में पर्यटन को दिया जाएगा बढ़ावा
इसके अलावा वित्त मंत्री ने अपने भाषण के दौरान कहा कि हम ओडिशा में पर्यटन को बढ़ावा देंगे, जिसमें प्राकृतिक सुंदरता, मंदिर, शिल्पकला, प्राकृतिक परिदृश्य, वन्यजीव अभयारण्य और प्राचीन समुद्र तट हैं.ओडिशा को एक श्रेष्ठ पर्यटन गंतव्य बनाने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी.
विष्णुपद और महाबोधि मंदिर के बारे में जानें
बता दें कि बिहार के गया में भगवान विष्णु के पदचिन्हों पर ये मंदिर बना है. इसे विष्णुपद मंदिर के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर में पितृपक्ष में भक्तों की काफी भीड़ होती है. फल्गु नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां भगवान विष्णु के चरणों के साक्षात दर्शन कर सकते हैं. वहीं महाबोधि मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है. ये मंदिर भी गंगा नदी की सहायक नदी फल्गु नदी तट के किनारे पश्चिम दिशा में स्थित है. इस प्राचीन मंदिर का संबंध सीधे तौर पर भगवान बुद्ध से है. ये प्राचीन बौद्ध मंदिरों में से एक है.