Sushil Modi Passes Away: ABVP से बिहार के डिप्टी सीएम तक, कैसा रहा सुशील मोदी का सियासी सफर
Sushil Modi Dies at 72: बिहार की राजनीति में सुशील मोदी का सफर करीब 3 दशक पुराना रहा है. इस बीच वो विधायक, सांसद, बिहार के डिप्टी सीएम तक तमाम महत्वपूर्ण पदों पर रहे. यहां जानिए उनके सियासी करियर के बारे में.
Sushil Modi, Ex Deputy CM of Bihar Dies at 72: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी का सोमवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया. वे 72 साल के थे और कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे. 3 अप्रैल को उन्होंने सोशल मीडिया पर खुद के कैंसर से पीड़ित होने की सूचना दी थी. बीमारी के चलते वे इस बार चुनाव प्रचार भी नहीं कर रहे थे. बता दें कि राजनीति में सुशील मोदी का सफर 3 दशक से भी ज्यादा रहा है. इस बीच वो विधायक, सांसद, बिहार के वित्त मंत्री और बिहार के उप-मुख्यमंत्री जैसे अहम पदों पर रहे हैं. ऐसे में सुशील मोदी का निधन बिहार की राजनीति में एक बड़ी क्षति है. सुशील मोदी के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी शोक व्यक्त किया है. आइए आपको बताते हैं सुशील मोदी का सियासी सफर-
पटना यूनिवर्सिटी से राजनीति में कदम
रेडीमेड गारमेंट्स का पैतृक बिजनेस छोड़कर राजनीति में आने वाले सुशील मोदी के सियासी सफर की बात करें तो वो पटना यूनिवर्सिटी से शुरू हुआ था. 1973 में वो छात्र संघ के महासचिव चुने गए थे. इमरजेंसी के दौरान वो कई महीनों तक जेल में रहे. 1976 से लेकर 1986 तक वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषष (ABVP) पर तमाम पदों पर रहे. इस बीच बिहार में सुशील मोदी का पद काफी बड़ा हो गया था.
1990 में बने विधायक
1990 में सुशील मोदी ने पटना सेंट्रल विधानसभा से चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक बने. इसके बाद वो फिर से 1995 में विधायक बने और उन्हें बीजेपी का चीफ व्हिप बना दिया गया. 2000 में भी वो लगातार तीसरी बार विधायक बने. तब तक बिहार में उनका कद काफी बढ़ चुका था. 1996 से 2004 तक सुशील मोदी बिहार की विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे.
2005 में बने उप मुख्यमंत्री
साल 2005 में बिहार चुनाव में एनडीए को बहुमत के साथ जीत मिली. तब उन्होंने अपनी लोकसभा सदस्यता छोड़ दी और एमएलसी बना दिए गए. उस समय सुशील मोदी को पहली बार बिहार के उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई. साल 2005 से 2013 और फिर 2017 से 2020 के दौरान वो बतौर उपमुख्यमंत्री अपनी भूमिका निभाते रहे. इस दौरान वो पार्टी में भी अलग-अलग दायित्व संभालते रहे. वे बिहार के वित्त मंत्री भी रहे. दिसंबर, 2020 में उन्हें पार्टी ने राज्यसभा भेजा. दिसंबर 2020 से सितंबर 2021 तक सुशील मोदी कमेटी ऑन अर्बन डेवलपमेंट के सदस्य रहे. इसके बाद वह 2023 तक अलग-अलग कमेटियों में सदस्य के तौर पर काम किया. इस साल फरवरी में सुशील मोदी का राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हुआ था.
पीएम मोदी ने शोक व्यक्त किया
पीएम मोदी ने सुशील मोदी के निधन पर शोक व्यक्त किया है और सोशल मीडिया पर उनके साथ एक फोटो शेयर करते हुए लिखा ' पार्टी में अपने मूल्यवान सहयोगी और दशकों से मेरे मित्र रहे सुशील मोदी जी के असामयिक निधन से अत्यंत दुख हुआ है. बिहार में भाजपा के उत्थान और उसकी सफलताओं के पीछे उनका अमूल्य योगदान रहा है. आपातकाल का पुरजोर विरोध करते हुए, उन्होंने छात्र राजनीति से अपनी एक अलग पहचान बनाई थी. वे बेहद मेहनती और मिलनसार विधायक के रूप में जाने जाते थे. राजनीति से जुड़े विषयों को लेकर उनकी समझ बहुत गहरी थी. उन्होंने एक प्रशासक के तौर पर भी काफी सराहनीय कार्य किए. जीएसटी पारित होने में उनकी सक्रिय भूमिका सदैव स्मरणीय रहेगी. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं. ओम शांति!'
अमित शाह ने भी सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया
गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के कद्दावर नेता सुशील मोदी के निधन के बाद X पर लिखा 'हमारे वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी जी के निधन की सूचना से आहत हूँ.आज बिहार ने राजनीति के एक महान पुरोधा को हमेशा के लिए खो दिया .ABVP से भाजपा तक सुशील जी ने संगठन व सरकार में कई महत्त्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया.उनकी राजनीति गरीबों व पिछड़ों के हितों के लिए समर्पित रही.उनके निधन से बिहार की राजनीति में जो शून्यता उभरी है, उसे लंबे समय तक भरा नहीं जा सकता.दुःख की इस घड़ी में पूरी भाजपा उनके शोकाकुल परिवार के साथ खड़ी है.ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें.ॐ शांति शांति'