Pele has passed away at the age of 82: महान फुटबॉल खिलाड़ी पेले अब हमारे बीच नहीं रहे. 82 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. उन्हें पेले (Pele) ही नहीं ब्लैक पर्ल और ब्लैक डायमंड के नाम भी जाना जाता था. ब्राजील के ऑल टाइम टॉप स्कोरर पेले ने देश को 3 फीफा वर्ल्ड कप जिताए हैं. उन्हें आज भी इस मामले में टॉप पर रखा जाता है.  उनके इस रिकॉर्ड को अब तक दुनिया का कोई भी फुटबॉलर नहीं तोड़ पाया है, चाहे वो मेसी, रोनाल्डो हों या फिर एम्बापे. गरीबी में पले बढ़े पेले के पिता एक सफाई कर्मी थे. आइए जानते हैं उनके कुछ दिलचस्प किस्से. 

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पेले ने काफी कम उम्र में फुटबॉल खेलने की शुरुआत की. उन्होंने ब्रॉजील के साओ पाउलो की गलियों में फुटबॉल खेलना शुरू किया. पेले ने फुटबॉल में अपना करियार यूं ही नहीं बना लिया, इसके पीछे काफी मेहनत की है. फुटबॉल से पहले उन्होंने आर्थिक तंगी होने के कारण एक चाय की गुमटी पर भी काम किया था. 

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कैसे नाम पड़ा 'Pele'

बचपन से फुटबॉल में दिलचस्पी रखने वाले पेले का नाम पैदा होते ही एडिसन रखा गया था. उनके घर वाले उन्हें प्यार से डिको भी बुलाते थे. उनके पिता ब्राजील के बड़े क्लब फ्लूमिनीज के लिए खेल चुके थे. लेकिन पैसे नहीं होने के कारण उन्हें सफाई कर्मी बनना पड़ा. पेले को अपने एरिया के लोकर क्लब वास्को डी गामा के गोलकीपर बिले बेहद पसंद थे. स्कूल में जब उन्होंने फुटबॉल खेलना शुरू किया, तो उनके दोस्तों ने उन्हें पेले बुलाना शुरू कर दिया. तब ही से उनका नाम पेले पड़ गया. 

मौजे को फुटबॉल बनाकर खेलते थे पेले

जब बचपन में पेले अपने दोस्तों के साथ गली में फुटबॉल खेलते थे. तब गरीबी के चलते उन्हें मौजे को फुटबॉल बनाकर खेलना पड़ता था. यानी गरीबी में बड़े होने के कारण उनके पास फुटबॉल खरीदने के पैसे नहीं थे. इस वजह से वो मौजे में अखबार ठूंसकर, उसे रस्सी से बांधकर नंगे पांव से खेलते थे. 

1998 के बाद वर्ल्ड कप किए हासिल

पेले ने अपने करियर में और प्लेयर्स के मुताबिक सबसे ज्यादा वर्ल्ड कप हासिल किए हैं. उन्होंने 4 वर्ल्ड कप खेले, जिनमें से 3 उन्होंने अपने नाम किए. पहला वर्ल्ड कप स्वीडन में (1958), दूसरा चिली में (1962) और तीसरा मेक्सिको (1970) में जीता. वे 1966 का वर्ल्ड कप नहीं जीत सके. उस दौरान इंग्लैंड ने ट्रॉफी जीती.

1977 में लिया फुटबॉल से सन्यास 

सैंटोस में खेलने के बाद पेले ने अपने आखिरी कुछ साल अमेरिका में बिताए. वो न्यूयॉर्क की टीम न्यूयॉर्क कॉसमॉस से खेलते थे. अमेरिका में उन्होंने 64 मैच खेले और 37 गोल स्कोर किए. इसके बाद उन्होंने 36 साल की उम्र में रिटायरमेंट लेकर फुटबॉल को अलविदा कह दिया.