बीजेपी नेता, टिकटॉक स्‍टार और बिग बॉस सीजन-14 की प्रतिभागी रह चुकीं सोनाली फोगाट की हत्‍या के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने उन्‍हें 1.5 ग्राम MDMA ड्रग देने की बात कबूल की है. इसे ही सोनाली फोगाट की मौत की संभावित वजह माना जा रहा है. ब ड्रग कोई नया नहीं है. इससे पहले एमडीएमए का नाम सुशांत सिंह की जांच के दौरान सामने आया था. उस समय रिया चक्रवर्ती के एक वॉट्सऐप चैट में MDMA का जिक्र किया गया था.  MDMA का पूरा नाम Methylenedioxymethamphetamine है. इसे एमडीएमए, एक्स्टसी, ई एक्स एक्सटीसी मौली और मैंडी जैसे नामों से जाना जाता है. जानें कितना खतरनाक होता है ये ड्रग.

उत्तेजक और मतिभ्रम के रूप में काम करता है MDMA

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National Institute on Drug Abuse के अनुसार MDMA एक तरह का सिंथेटिक ड्रग है, जो उत्तेजक और मतिभ्रम के रूप में काम करता है. इसके इस्‍तेमाल के कुछ ही समय के अंदर व्‍यक्ति के शरीर में कई बदलाव नजर आने लगते हैं. इससे शरीर में अचानक ऊर्जा की वृद्धि होती है और उसके सोचने समझने का तरीका एकदम बदल जाता है. इस ड्रग को एंटेक्टोजेन की श्रेणी में रखा गया है यानी ऐसा ड्रग जो व्‍यक्ति में सेल्फ अवैयरनेस और सहानुभूति को बढ़ा सकता है. इसका असर शुरू होने के साथ ही व्‍यक्ति में अचानक किसी के लिए सहानुभूति पैदा हो सकती है. कानूनी रूप से इसका इस्तेमाल सिर्फ वैज्ञानिक ही कर सकते हैं.

3 से 6 घंटे तक रहता है इसका असर

आमतौर पर MDMA का प्रयोग टैबलेट या कैप्सूल के तौर पर किया जाता है. करीब 30 मिनट से 45 मिनट के अंदर इसका असर शरीर में दिखने लगता है. ड्रग का असर आमतौर पर 3 से 6 घंटे तक रहता है.  MDMA की अधिक मात्रा इंसान के शरीर में एक बार में पहुंच जाए. या फिर कई बार में जल्दी-जल्दी इसकी डोज इंसान को दी जाए, तो ये जानलेवा साबित हो सकता है. इसके साथ कई ड्रग्स का काम्बिनेशन भी खतरनाक माना जाता है. ब्रिटेन में इस ड्रग को ए क्लास और न्यूजीलैंड में बी क्लास ड्रग के रूप में शामिल किया गया है.

व्‍यक्ति को झेलने पड़ते हैं साइड इफेक्‍ट्स

इस ड्रग को लेने से व्‍यक्ति के सोचने और समझने की क्षमता प्रभावित होती है. लंबे समय तक इसका इस्‍तेमाल लिवर, किडनी और हार्ट को नुकसान पहुंचाता है. इसके अलावा शरीर के अन्‍य हिस्‍सों पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है. ड्रग का प्रभाव शरीर में खत्‍म होने के बाद व्‍यक्ति को इसे बार-बार लेने की इच्‍छा होती है. इसके अलावा डिप्रेशन, थकान, मूड स्विंग, याद्दाश्‍त कमजोर होना, ठीक से नींद न आना, गुस्सा आना और एकाग्रता में कमी जैसी परेशानियां हो सकती हैं.