Sawan 2023: आज से शुरू हो गया है सावन, आखिर क्यों इतना खास माना जाता है ये महीना?
Shravana Month को आखिर इतना खास क्यों माना गया है और क्यों शिव जी को सावन मास का देवता कहा जाता है. यहां जानिए इसके बारे में.
Shravana 2023: आज 4 जुलाई से सावन का महीना (Sawan Month 2023) शुरू हो गया है. सावन के महीने को बेहद खास माना जाता है. इस माह में भगवान शिव की पूजा की जाती है. मान्यता है कि भोलेनाथ को ये महीना बहुत प्रिय है. इस माह में जो भी भक्त उनकी पूरी श्रद्धा और भक्ति से पूजा अर्चना करता है, महादेव उसकी कामना को जरूर पूरा करते हैं. यही वजह है कि सावन आते ही मंदिरों में भक्तों की कतार लग जाती है. लेकिन इस महीने को आखिर इतना खास क्यों माना गया है और क्यों शिव जी को सावन मास का देवता कहा जाता है. आइए आपको बताते हैं.
माता पार्वती से मिलन का महीना
इस मामले में ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र कहते हैं कि सावन को इतना खास माने जाने की पीछे तमाम वजह हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार, प्रजापति दक्ष की पुत्री माता सती ने अपने जीवन को त्यागने के बाद हिमालय राज के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया. पार्वती शिव को ही अपना पति मानती थीं. उन्होंने शिव जी को प्रसन्न करने के लिए कई वर्षों तक कठोर तप किया. वो श्रावण का महीना ही था, जब शिव जी ने प्रसन्न होकर उन्हें दर्शन दिए और उन्हें पत्नी के तौर पर स्वीकार किया. इसके बाद दोनों का विवाह महाशिवरात्रि पर कराया गया. माता पार्वती से मिलन के कारण ये माह शिव जी को बेहद प्रिय है. कुंवारी लड़कियां और लड़के इस माह में शिवजी और माता गौरी का विधिवत पूजन करें, तो उन्हें सुयोग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है.
समुद्र मंथन के दौरान विषपान
इसके अलावा पौराणिक मान्यता के अनुसार सावन के महीने में ही समुद्र मंथन किया गया था. इस मंथन के दौरान निकले हलाहल को शिवजी ने ग्रहण किया था. विषपान के बाद जब उनके शरीर में काफी तेज जलन हुई तो देवताओं ने उनके शरीर पर जल डालना शुरू किया. विष के प्रभाव को कम करने के लिए बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ाए. इसके बाद उनके शरीर की जलन कम हुई. शिवजी ने सावन माह में ही संसार को इस विष से बचाया था, इसलिए सावन के महीने में उनकी विशेष पूजा की जाने लगी. इस माह में शिवजी का जलाभिषेक करने, उन्हें बेलपत्र, धतूरा आदि प्रिय चीजें चढ़ाने से शिव जी अत्यंत प्रसन्न होते हैं.
ये भी है मान्यता
ये भी कहा जाता है कि सावन के महीने में शिव जी ने धरती पर आकर अपनी ससुराल का विचरण किया था. जहां उनका विशेष स्वागत सत्कार किया गया था और इससे शिव जी अत्यंत प्रसन्न हुए थे. तब से हर साल सावन के महीने में शिव जी का विशेष पूजन और सत्कार किया जाता है.
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