कभी ब्रिटिशर्स ने इस शहर को बनाया था Summer Capital, आज भी हर वक्त लोगों की जुबां पर रहता है इसका नाम
किसी भी जगह पर घूमने से पहले हम वहां के तमाम विजिटिंग प्लेसेज से लेकर किराया, खर्च वगैरह का पता करते हैं. लेकिन उस शहर से जुड़े फैक्ट्स को नहीं पढ़ते. यहां जानिए ऐसे शहर के बारे में जहां शायद आप पहले घूम चुके हों, लेकिन इसके बारे में ऐसे दिलचस्प फैक्ट्स हैं, जो शायद आज भी आपको न मालूम हों.
घूमना फिरना हर किसी को पसंद होता है. घूमने के शौकीन ज्यादातर लोग नेचर लवर होते हैं. गर्मियों में जहां लोग पहाड़ों की सैर पर निकलते हैं, तो सर्दियों में किसी बीच की ओर रुख करते हैं. किसी भी जगह पर घूमने से पहले हम वहां के तमाम विजिटिंग प्लेसेज से लेकर किराया, खर्च वगैरह का पता करते हैं. लेकिन उस शहर के इतिहास के बारे में नहीं पढ़ते. अगर आप उस जगह की हिस्ट्री को थोड़ा सा समझ लेंगे, तो आपके लिए आपकी ट्रिप और भी दिलचस्प हो सकती है.
ऐसी ही एक जगह है शिमला. शिमला ऐसी जगह है जिसका नाम आज भी लोगों की जुबां पर रहता है. ये टूरिस्ट के फेवरेट डेस्टिनेशंस में से एक है. हो सकता है कि आप पहले इस शहर की सैर भी करके आए हों, लेकिन इसके बारे में कुछ ऐसे दिलचस्प फैक्ट्स हैं, जो शायद आज भी आपको न मालूम हों. आइए आपको बताते हैं-
ब्रिटिशर्स ने इस शहर को बनाया था 'समर कैपिटल'
शिमला को बसाने का श्रेय चॉरीस प्रैट कैनेडी को दिया गया था. कैनेडी को अंग्रेजों ने पहाड़ी रियासतों का राजनीतिक अधिकारी नियुक्त किया था. 1822 में कैनेडी ने शिमला में पहला स्थाई घर बनवाया था. इसे कैनेडी हाउस के नाम से जाना जाता था. 1830 के बाद शिमला को शहर की तरह बसाने की शुरुआत की गई और 1864 में इसे आधिकारिक रूप से समर कैपिटल घोषित कर दिया गया.
शिमला के नाम को लेकर मान्यता
शिमला के नाम को लेकर मान्यता है कि ये शब्द श्यामला से लिया गया है. जाखू पहाड़ी पर काली माता का एक मंदिर था. इन माता को श्यामला माता के नाम से जाना जाता था. श्यामला से ही इस शहर को शिमला नाम दिया गयाऋ ब्रिटिश काल में देवी की प्रतिमा को एक नया स्थान दिया गया था. अब यहां प्रसिद्ध काली बाड़ी मंदिर है.
कैसे ये शहर Simla से Shimla बना
कहा जाता है कि अंग्रेज शिमला को सिमला कहा करते थे और अंग्रेजी में इसकी स्पेलिंग भी Simla लिखी जाती थी. 80 के दशक में हिमाचल सरकार ने हिंदी में इसके बोलने के हिसाब से अंग्रेजी में भी शिमला लिखे जाने की अधिसूचना जारी की. इसके बाद इसे Shimla लिखा जाने लगा.
कालका-शिमला रेललाइन को हेरिटेज रेलवे ट्रैक का दर्जा
साल 1903 में कालका और शिमला के बीच एक रेल लाइन का निर्माण हुआ था. इस रेललाइन को 2008 में यूनेस्को ने हेरिटेज रेलवे ट्रैक का दर्जा दिया है. 96 किलोमीटर कालका-शिमला रेललाइन में 102 सुरंगें, 800 पुल और 18 रेलवे स्टेशन हैं.
हिमाचल से पहले पंजाब की राजधानी थी शिमला
आजादी के बाद शिमला को पंजाब की अस्थायी राजधानी बनाया गया था. बाद में इसे हिमाचल प्रदेश की राजधानी बनाया गया. आज भी शिमला को उत्तर भारत के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशनों में से एक माना जाता है और इसे 'पहाड़ों की रानी' भी कहा जाता है.