ज्‍येष्‍ठ मास की अमावस्‍या (Jyeshtha Amavasya 2023) तिथि को शनि जयंती (Shani Jayanti) के तौर पर मनाया जाता है. छाया पुत्र शनिदेव को शास्‍त्रों में कर्मफल दाता कहा गया है. ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र की मानें तो जीवन में हर व्‍यक्ति को कभी न कभी शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से गुजरना होता है. ये वो समय होता है, जब शनि व्‍यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार दंडित करते हैं और उसके अच्‍छे कर्मों के लिए पुरस्‍कृत भी करते हैं.

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यही वजह है कि शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या महादशा के दौरान कई बार लोगों तमाम शारीरिक, मानसिक और आर्थिक कष्‍टों से गुजरना पड़ता है. ऐसे में शनिदेव से जुड़े कुछ उपाय किए जाएं तो शनिदेव को प्रसन्‍न किया जा सकता है और उनके कष्‍टों को कम किया जा सकता है. आज 19 मई को शनि जयंती मनाई जा रही है. इस मौके पर आप शनि से जुड़े तमाम कष्‍टों को दूर करने वाले उपाय आज आजमा सकते हैं. यहां जानिए इसके बारे में.

प्रदोष काल में करें पूजा

ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि आज शनि जयंती के दिन शनिदेव की प्रदोष काल में विशेष रूप से पूजा करें. प्रदोष काल मतलब सूर्यास्त से आधे घंटे पहले से लेकर सूर्यास्त के आ​धे घंटे बाद तक. पूजन के समय शनिदेव को सरसों के तेल का दीपक अर्पित करें. सरसों के तेल के बने मिष्ठान, काले तिल, काली उड़द, काला कपड़ा, लोहे की कोई चीज और सरसों का तेल चढ़ाएं. इसके बाद दशरथकृत शनि स्तोत्र का तीन बार पाठ करें. शनि मंत्र और शनि चालीसा पढ़ सकते हैं. इसके बाद शनिदेव से अपनी गलतियों की क्षमा याचना करें और उनसे कष्‍ट हरने की विनती करें. इससे काफी लाभ हो सकता है. 

छाया दान करें

शनि ग्रह के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए व शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैया या शनि की किसी भी प्रकार की पीड़ा से बचने के लिए आज के दिन एक कांसे या लोहे की कटोरी में सरसों का तेल और सिक्का डालकर उसमें अपनी परछाई देखें. इसके बाद तेल मांगने वाले को इसे दान कर दें या फिर किसी शनि मंदिर में कटोरी सहित तेल रखकर आ जाएं. शनि जयंती से इस उपाय को शुरू करें. इसके बाद पांच शनिवार तक ये उपाय करें. आपके जीवन के काफी कष्‍ट दूर होंगे.

इन चीजों का करें दान

शनि जयंती के दिन 7 तरह का अनाज, आधा किलो उड़द की काली दाल, थोड़ा सरसों का तेल, काले वस्‍त्र आदि सामान लेकर एक नीले या काले रंग की पोटली में बांधें. शनिदेव से अपने दुखों को दूर करने की प्रार्थना करें. इसके बाद इस पोटली को शनि मंदिर में जाकर किसी को दान में दे दें या फिर किसी जरूरतमंद को दान करें. इससे शनिदेव आपके कष्‍टों को दूर करेंगे.