Republic Day 2024: गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले First Chief Guest कौन थे, आपको पता है? जानिए रोचक जानकारी
Republic Day 2024 Chief Guest: हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर किसी न किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को बुलाया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि देश के पहले रिपब्लिक डे पर कौन थे चीफ गेस्ट?
Republic Day 2024 Chief Guest: आज पूरा देश 75वां गणतंत्र दिवस (75th Republic Day) का पर्व मना रहा है. साल 1950 में आज ही के दिन देश का संविधान लागू हुआ था, इसलिए रिपब्लिक डे को देश के राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाया जाता है. हर साल इस मौके पर परेड का आयोजन होता है. इस परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर किसी न किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को बुलाया जाता है. इस साल फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (Chief Guest French President Emmanuel Macron) 75वें गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्य अतिथि बनकर भारत आए हैं.
भारत में गणतंत्र दिवस के मौके पर आए मुख्य अतिथि का विशेष स्वागत-सत्कार किया जाता है. मुख्य अतिथि कई औपचारिक गतिविधियों में सबसे आगे रहते हैं. उन्हें भारत के राष्ट्रपति के सामने 'गार्ड ऑफ ऑनर' (Guard of Honour) दिया जाता है. ये सब बातें हम सब जानते हैं, लेकिन क्या आपको ये पता है कि गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले पहले मुख्य अतिथि (First Chief Guest of Republic Day) कौन थे? आइए आज इस मौके पर आपको बताते हैं गणतंत्र दिवस से जुड़ी ऐसी ही कुछ रोचक बातें.
जानिए कौन थे पहले चीफ गेस्ट
देश आजाद होने के बाद भारत में पहले गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन 26 जनवरी 1950 में किया गया था. उस समय गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले पहले मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे. वहीं देश में पहली गणतंत्र दिवस परेड 1950 में आयोजित की गई थी. ये मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में हुई थी, जिसे पहले इरविन एम्फीथिएटर के नाम से जाना जाता था. परेड में 3 हजार भारतीय सैन्य कर्मियों और 100 से अधिक विमानों ने भाग लिया था.
राजपथ पर कब से शुरू हुई परेड
राजपथ (अब राजपथ को कर्तव्यपथ के नाम से जाना जाता है) पर पहली परेड 1955 में आयोजित की गई थी, तब इस परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
26 जनवरी को क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस
हमारे देश के संविधान को लिखने का काम 26 नवंबर 1949 को पूरा हो गया था, लेकिन इसे लागू दो महीने के बाद किया गया. 26 जनवरी 1950 में संविधान लागू हुआ. इसकी वजह 26 जनवरी की तारीख थी. ये तारीख देश के लिए काफी महत्वपूर्ण थी क्योंकि आजादी से पहले 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव लागू हुआ था. इस दिन तिरंगा भी फहराया गया था. इस तारीख को हमेशा के लिए यादगार बनाने के लिए संविधान को लागू करने का दिन 26 जनवरी को चुना गया और इस दिन को गणतंत्र दिवस घोषित किया गया.
राष्ट्रपति फहराते हैं झंडा
हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं. झंडा फहराते समय उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती है. तोपों की सलामी की फायरिंग राष्ट्रगान बजने के साथ होती है. पहला शॉट राष्ट्रगान की शुरुआत के दौरान और आखिरी शॉट 52 सेकंड बाद फायर किया जाता है.
5 किमी/घंटा की गति से चलती है झांकी
गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने वाले हर एक सैन्यकर्मी को चार स्तरों की सुरक्षा जांच से गुजरना होता है. साथ ही ये सुनिश्चित किया जाता है कि उनके हथियार लोडेड न हों. इसके अलावा गणतंत्र दिवस पर झांकी लगभग 5 किमी/घंटा की गति से चलती है ताकि हर व्यक्ति इसे देख सके.