गणतंत्र दिवस देश का राष्‍ट्रीय पर्व है. इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था. 26 जनवरी के दिन देश की राजधानी दिल्‍ली में कर्तव्‍यपथ पर परेड का आयोजन किया जाता है. इस परेड में देश की तीनों सेना जैसे थलसेना, जलसेना और वायुसेना भी शामिल होती हैं. देश के राष्‍ट्रपति तिरंगा फहराते हैं और इसी के साथ 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है. आपको बता दें कि इस साल भारत 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस मौके पर हम आपको बताएंगे गणतंत्र दिवस से जुड़ी वो बातें, जिनके बारे में तमाम लोग नहीं जानते हैं.

गणतंत्र दिवस से जुड़ी रोचक बातें

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- भारत का संविधान 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा बनाया गया था, लेकिन इसे लागू 26 जनवरी 1950 में किया गया था. इसलिए हर साल 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस मनाया जाता है.

- गणतंत्र दिवस परेड के लिए हर साल किसी अन्‍य राष्ट्र के नेता को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है. 1950 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले पहले मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे.

-26 जनवरी पर गणतंत्र दिवस परेड की शुरूआत 1950 में आजाद भारत का संविधान लागू होने के साथ हुई थी. वर्ष 1950 से 1954 तक गणतंत्र दिवस की परेड राजपथ पर न होकर, चार अलग-अलग जगहों पर हुई थीं

-1955 से गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन राजपथ पर शुरू किया गया. तब राजपथ को ‘किंग्सवे’ के नाम से जाना जाता था. तभी से हर साल 26 जनवरी का आयोजन यहीं पर होने लगा. 

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 सितंबर, 2022 को कर्तव्य पथ (Kartavya Path) का उद्घाटन किया था. इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन को सेंट्रल विस्टा एवेन्यू (Central Vista Avenue) कहते हैं, इसे राजपथ (Rajpath) भा कहा जाता था. इसका अब नाम बदलकर कर्तव्य पथ हो गया है. कर्तव्य पथ की कुल लंबाई तीन किमी से ज्यादा है.

- हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर जब भारत के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, तब 21 तोपों की सलामी दी जाती है. यह सलामी भारतीय सेना की तोपों से दी जाती है, जिन्हें पोन्डर्स के नाम से जाना जाता है. 

-  परेड में भाग लेने वाले सेना के जवान स्वदेश निर्मित इंसास राइफलों के साथ मार्च करते हैं, जबकि विशेष सुरक्षा बल के जवान इजराइल में बनी टेवर राइफलों के साथ मार्च करते हैं. हर साल ये अलग भी हो सकती हैं. 

- गणतंत्र दिवस के परेड में निकलने वाली झांकियों का चयन रक्षा मंत्रालय की एक कमिटी द्वारा किया जाता है. हर साल राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से झांकियों के लिए सुझाव मांगे जाते हैं. उसके बाद जब सभी राज्य अपने सुझाव उन्हें भेजते हैं तो कमिटी उन पर चर्चा करती है. उसके बाद ही किसी भी राज्य की झांकियों का चयन होता है.

- "एबाइड विद मी" गाना हर गणतंत्र दिवस परेड कार्यक्रम में बजाया जाता है क्योंकि यह महात्मा गांधी का पसंदीदा गाना था. लेकिन इस साल केंद्र सरकार ने इसे हटा दिया है.