Republic Day 2023: देश इस साल अपना 74 वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है. 1950 में जब भारत का संविधान लागू किया गया था, तो उसी दिन से हर साल 26 जनवरी को इस दिवस को मनाने की शुरुआत हुई थी. हमेशा की तरह इस बार भी कई लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज है कि इस साल 2023 में कौन सा गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा. आप भी इस बात को लेकर जरूर कंफ्यूज होंगे कि इस साल 73वां या फिर 74 वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा. तो चलिए आपको विस्तार से बताते हैं.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस साल कौन सा गणतंत्र दिवस है? इस साल 26 जनवरी देशभर में 74 वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा.  26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू किया गया था. भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी देकर झंडा फहराया था. तब से ही हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. 26 जनवरी 1950 को देश को गणराज्य बना था. सुबह 10.18 बजे गणतंत्र राष्ट्र बना भारत गणतंत्र दिवस के दिन देश के राष्ट्रपति इंडिया गेट के राजपथ पर तिरंगा झंडा फहराते हैं. इस खास मौके पर भव्य परेड का आयोजन किया जाता है. साथ ही परेड राजपथ से शुरू होकर लाल किले तक जाती है. भारत 26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर एक गणतंत्र राष्ट्र बना. उसके ठीक 6 मिनट बाद 10 बजकर 24 मिनट पर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. गणतंत्र दिवस के खास मौके पर हर साल इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक राजपथ पर भव्य परेड भी होती है. इस परेड में भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना आदि की विभिन्न हिस्सा लेती हैं. कहां मनाया गया पहला गणतंत्र दिवस आजाद भारत में पहली बार 26 जनवरी 1950 को पहला गणतंत्र दिवस मनाया गया था. इस दिन देश का संविधान लागू हुआ था. पहली बार पुराना किला के सामने स्थित इरविन स्टेडियम में गणतंत्र दिवस की परेड आयोजित की गई थी. वर्तमान में इस जगह पर दिल्ली का चिड़ियाघर है और इरविन स्टेडियम को बाद में नेशनल स्टेडियम और अब मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम के नाम से जाना जाता है. कब मनाया गया पहला गणतंत्र दिवस

26 जनवरी 1950 को भारत को अपना पहला राष्ट्रपति भी मिला था. इस दिन सुबह 10:18 पर देश का संविधान लागू होने के 6 मिनट बाद यानी 10:24 पर डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति पद के लिए शपथ ली थी और प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने इरविन स्टेडियम में देश का तिरंगा फहराया था. इसके बाद उन्होंने 26 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में भी घोषित किया था.