लाल, पीला और हरा..ये तीन रंग ही क्यों होते हैं ट्रैफिक लाइट में? जानेंगे वजह तो आप भी कहेंगे 'भई वाह क्या सटीक लॉजिक है'
ज्यादातर लोग किसी भी नियम का पालन तो करना सीख जाते हैं, लेकिन कभी किसी नियम के पीछे की वजह जानने की कोशिश नहीं करते. ट्रैफिक लाइट के मामले में भी ऐसा ही है. क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की कि ट्रैफिक लाइट में लाल, पीला और हरे रंग को ही क्यों चुना गया?
रास्ते से गुजरते समय हर चौराहे पर ट्रैफिक लाइट दिखती है. ये बताने की जरूरत नहीं कि उसमें कौन सी तीन लाइट्स होती हैं क्योंकि रोजाना आपका सामना इससे हो ही जाता है. बचपन से ट्रैफिक के नियम हमें समझा दिए जाते हैं और उसके हिसाब से हम इन नियमों का पालन करते रहते हैं. कभी किसी चीज के होने की वजह या लॉजिक को जानने की कोशिश नहीं करते.
ट्रैफिक लाइट के मामले में भी ऐसा ही है. लाल लाइट पर रुकना है, पीले पर चलने के लिए तैयार हो जाना है और हरे पर चल देना है, ट्रैफिक नियमों से जुड़ी ये बातें तो सबको पता हैं, लेकिन क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की कि ट्रैफिक लाइट के लिए लाल, पीले और हरे रंग का ही चुनाव किया गया? क्यों लाल रंग को खतरे के निशान के तौर पर ही पेश किया जाता है? आइए आपको बताते हैं-
लाल रंग
दरअसल लाल रंग के चुनाव के पीछे VIBGYOR वाला साइंस है. Violet, Indigo, Blue, Green, Yellow, Orange, Red इन 7 रंगों का गठजोड़ को शॉर्ट में VIBGYOR कहा जाता है. आखिरी के R का मतलब रेड यानी लाल होता है. इन सभी रंगों में लाल रंग की वेवलेंथ सबसे ज्यादा होती है. जिस रंग की वेबलेंथ जितनी ज्यादा होगी, वो उतनी दूर से स्पष्ट दिख जाता है. इसके अलावा लाल रंग लोगों का ध्यान अपनी तरफ आसानी से खींच लेता है. ये हर हाल में हर जगह पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सक्षम माना जाता है. इसलिए खतरे के निशान के तौर पर लाल रंग चुना जाता है. ट्रैफिक लाइट में भी लाल रंग का मतलब खतरे से सावधान होने के लिए ही है. ये लोगों को वहीं रुकने के लिए संकेत करता है क्योंकि रेड लाइट के समय पर सड़क पार करने पर जान जोखिम में आ सकती है.
पीला रंग
लाल के बाद अगर कोई रंग सबसे ज्यादा आकर्षित करता है, तो वो पीला रंग होता है. इसके अलावा पीले रंग का लैटरल पेरीफेरल विजन (Lateral Peripheral Vision) लाल रंग की तुलना में लगभग सवा गुना ज्यादा होता है. इसका मतलब है कि इस रंग को किनारे या अगल-बगल कहीं से भी आसानी से देखा जा सकता है. साथ ही इसे ऊर्जा का प्रतीक माना गया है. ऐसे में पीला रंग ये संकेत देने के लिए है कि अब आप अपने आप को ऊर्जा से भर लें और चलने की तैयारी कर लें.
हरा रंग
हरे रंग का मतलब सकारात्मकता से है यानी सबकुछ सही है. इसके अलावा VIBGYOR के हिसाब से G यानी हरे रंग का स्थान बीच में है, जो हर चीज के संतुलन का संकेत देता है. इसलिए जब सब कुछ सही होता है तो हरी झंडी दिखाई जाती है. ट्रैफिक के मामले में भी हरी रंग की लाइट यही संकेत देने के लिए है कि रास्ता साफ है, इसे अभी आसानी से पार किया जा सकता है.
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