Ratan Tata Unknown Facts: अरबों की संपत्ति के मालिक होकर भी रतन टाटा ने क्यों नहीं की शादी?
Why did Ratan Tata not get married: दिग्गज उद्योगपति रहे रतन टाटा के जीवन का एक पहलू और है जो बहुत चर्चा में रहा और वो है उनका आजीवन अविवाहित रहना. ये सवाल आज भी बहुतों के मन में होगा कि आखिर अरबों की संपत्ति के मालिक होकर भी रतन टाटा ने शादी क्यों नहीं की. जानिए वजह
Ratan Tata Death: दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार रात निधन हो गया. मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. कारोबार की दुनिया में रतन टाटा ने बड़े कीर्तिमान स्थापित किए. उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने बुलंदियों को छुआ. आज के समय में घर की रसोई में इस्तेमाल होने वाले नमक, मसालों से लेकर ज्वैलरी, घड़ी,तकनीक, गाड़ी और हवाई जहाज तक, हर क्षेत्र में टाटा मौजूद है.
रतन टाटा को भारतीय उद्योग के जगत में व्यावसायिक दृष्टिकोण और सामाजिक सरोकार के लिए जाना जाता है. लेकिन उनके जीवन का एक पहलू और है जो बहुत चर्चा में रहा और वो है उनका आजीवन अविवाहित रहना. ये सवाल आज भी बहुतों के मन में होगा कि आखिर अरबों की संपत्ति के मालिक होकर भी रतन टाटा ने शादी क्यों नहीं की. आइए आपको बताते हैं इसकी वजह-
ये रही शादी न करने की वजह
ऐसा नहीं कि रतन टाटा ने कभी शादी करनी नहीं चाही या उनको कभी प्यार नहीं हुआ. रतन टाटा को प्यार हुआ था, वो भी एक बार नहीं बल्कि 4 बार हुआ. लॉस एंजिल्स में मिली एक लड़की से तो उनकी बात शादी तक पहुंच गई थी, लेकिन ऐसा हो न सका और प्यार अधूरा रह गया. ये किस्सा एक इंटरव्यू के दौरान खुद रतन टाटा ने बताया था. उन्होंने बताया था कि लॉस एंजिल्स स्थित एक आर्किटेक्चर फर्म में काम करने के दौरान एक लड़की से वे मिले और देखते ही देखते उन्हें प्यार हो गया.
उस लड़की के साथ शादी करके टाटा सेटल होना चाहते थे, लेकिन इसी बीच उन्हें अपनी बीमार दादी की देखभाल के लिए भारत आना पड़ा और फिर वह वापस नहीं जा सके. इस दौरान उन्होंने सोचा कि किसी तरह वो लड़की भारत आ जाए, तब वो उसके साथ सेटल हो जाएंगे. लेकिन तभी भारत-चीन के बीच जंग छिड़ गई और उस प्रेमिका के माता पिता ने फिर उसे भारत नहीं भेजा. इसके बाद रतन टाटा का वो रिश्ता टूट गया और ऐसा टूटा कि फिर कभी जुड़ नहीं पाया.
1991 से 2012 तक टाटा संस के अध्यक्ष
बता दें कि साल 1937 में 28 दिसंबर को रतन टाटा का जन्म पारसी परिवार में हुआ था. उनके दादा जमशेदजी टाटा ने टाटा ग्रुप की नींव रखी थी, जिसे रतन टाटा ने काफी बुलंदियों पर पहुंचाया. रतन टाटा की शुरुआती शिक्षा मुंबई में हुई थी, इसके बाद वो अमेरिका चले गए, यहां उन्होंने आर्किटेक्चर की पढ़ाई की. फिर मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए हार्वर्ड बिजनेस स्कूल का रुख किया. उनके शिक्षित और सक्षम होने का गुण उनके करियर में भी झलकता है. 1962 में रतन टाटा ने टाटा समूह में काम करना शुरू किया. 1981 में, उन्हें समूह की अन्य होल्डिंग कंपनी टाटा इंडस्ट्रीज का अध्यक्ष नियुक्त किया गया और 1991 में उन्हें टाटा समूह के अध्यक्ष बनाया गया. उन्होंने 1991 से 2012 तक टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के अध्यक्ष रहे.
रतन टाटा की उपलब्धियां
1. टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में 1991-2012 तक सेवा.
2. जैगुआर लैंड रोवर की खरीद (2008).
3. कोरस की खरीद (2007).
4. टाटा स्टील की वैश्विक पहुंच बढ़ाना.
5. टाटा मोटर्स की सफलता.
6. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) की वैश्विक पहुंच बढ़ाना.
7. टाटा समूह की वैश्विक ब्रांड वैल्यू में वृद्धि.
रतन टाटा के प्रमुख पुरस्कार और सम्मान
1. पद्म विभूषण (2008)
2. पद्म भूषण (2000)
3. ऑनररी नाइट कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (2009)
4. इंटरनेशनल हेरिटेज फाउंडेशन का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
इनपुट- IANS से