Ratan Tata Demise: रतन टाटा का आखिरी संदेश, बड़ी सहजता से कह दी थी ये बड़ी बात
Ratan Tata Demise news last message of ratan tata for the people on X wrote thank you for thinking of me
Ratan Tata Demise News: टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का देर रात निधन हो गया. वो काफी समय से बीमार चल रहे थे. देर रात उन्होंंने मुंबई के अस्पताल में आखिरी सांस ली. रतन टाटा का इस तरह से चले जाना पूरे देश के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है क्योंकि वे सिर्फ एक सफल उद्योगपति ही नहीं थे, बल्कि एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने अरबों की संपत्ति का मालिक होकर भी हमेशा जमीन से जुड़कर अपना जीवन जीया और लोगों को अपने व्यक्तित्व से प्रेरित करते रहे. जाते-जाते भी वो लोगों को अपने आखिरी संदेश से काफी कुछ सिखा गए. बीमारी की हालत में भी उन्होंने अपने ऊंचे मनोबल को बनाए रखा और लोगों को हर चिंता से मुक्त रहने के लिए कहा. आइए बताते हैं रतन टाटा ने अपने आखिरी पोस्ट में ऐसा क्या कहा.
अपनी आखिरी पोस्ट में ये लिखा
दरअसल 86 साल के रतन टाटा ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट लिखा था. उन्होंने इस पोस्ट में स्वास्थ्य को लेकर चल रही अफवाहों को पोस्ट में खारिज करते हुए अपने चाहने वालों के लिए एक संदेश लिखा था. इस संदेश में उन्होंने लिखा कि 'मेरे बारे में सोचने के लिए शुक्रिया...मेरे स्वास्थ्य को लेकर फैली अफवाहों से मैं पूरी तरह वाकिफ हूं और आप सभी को ये यकीन दिलाना चाहता हूं कि ये सभी दावे निराधार हैं. चिंता की कोई बात नहीं है. मैं अपनी उम्र और उससे जुड़ी मेडिकल कंडीशंस के कारण फिलहाल मेडिकल चेक-अप करा रहा हूं. मेरा मनोबल ऊंचा है और मैं जनता और मीडिया से निवेदन करता हूं कि वे गलत सूचना फैलाने से बचें.'
पीएम मोदी से लेकर राष्ट्रपति ने जताया दुख
बता दें कि रतन टाटा के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी दुख प्रकट किया है. रतन टाटा का पार्थिव शरीर को मुंबई के कोलाबा में उनके बंगले में रखा गया है. सुबह 9.45 पर उनके पार्थिव शरीर को कोलाबा से एनसीपीए के लिए ले जाया जाएगा. आज सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक उनके पार्थिव शरीर को दर्शन के लिए दर्शन के लिए रखा जाएगा. उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को वर्ली ले जाया जाएगा और पारसी रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाएगा.
क्या लिखा पीएम मोदी ने
पीएम मोदी ने X पर लिखा- ' रतन टाटा जी एक दूरदर्शी कारोबारी नेता, एक दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे. उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया. साथ ही, उनका योगदान बोर्ड रूम से कहीं आगे तक गया. उन्होंने अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने के लिए एक अटूट प्रतिबद्धता के कारण कई लोगों के बीच अपनी जगह बनाई.'