राष्ट्रपति भवन के नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को लाल रंग से किया गया रोशन, डिस्लेक्सिया जागरूकता माह को लेकर चलाया जा रहा 'गो रेड अभियान'
डिस्लेक्सिया जागरूकता माह के लिए 'गो रेड अभियान' के मद्देनजर राष्ट्रपति भवन, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक को लाल रंग से रोशन किया गया. हर साल अक्टूबर के महीने में अंतरराष्ट्रीय जागरूकता माह मनाया जाता है.
Dyslexia Awareness Month: डिस्लेक्सिया जागरूकता माह के लिए 'गो रेड अभियान' के मद्देनजर राष्ट्रपति भवन, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक को लाल रंग से रोशन किया गया. इसके साथ ही देश भर में इस दिन लोगों को जागरूक करने के लिए तरह-तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया गया. हर साल अक्टूबर के महीने में अंतरराष्ट्रीय जागरूकता माह मनाया जाता है.इस दिन कई स्मारकों को सजाया जाता है.
डिस्लेक्सिया क्या है?
डिस्लेक्सिया एक लर्निंग डिसेबिलिटी है. इसमें लोगों को पढ़ने लिखने में दिक्कत होती है. आपने तारे जमीन पर फिल्म तो देखी होगी. यह फिल्म ईशान नाम के बच्चे पर आधारित है. जिसे पढ़ने-लिखने में दिक्कत आती है. उसके पेरेंट्स को लगता है कि वे जानबूझकर बदमाशी कर रहा और पढ़ना नहीं चाहता, अपने बच्चे से परेशान होकर वे उसे बोर्डिंग स्कूल भेज देते हैं. जहां एक टीचर की मदद से वे पढ़ पाता है और फिर लोग उसके कैपेबिलिटी को पहचानते हैं. इस लर्निंग डिसेबिलिटी से दुनिया भर के 3 से 7 फीसदी बच्चे पीड़ित होते हैं. इसमें बच्चे को लेटर और अल्फाबेट को याद करने में दिक्कत होती है. ऐसे बच्चे को पढ़ने और शब्दों की स्पेलिंग याद करने में दिक्कत होती है. डिस्लेक्सिया के लक्षण क्या है इस लर्निंग डिसेबिलिटी में बच्चे सही तरीके से न बोल पाते हैं न लिख पाते हैं. वाक्य के अक्षर उसे आगे पीछे या अपर नीचे दिखता है. इस वजह से वे पढ़ नहीं पाता. अगर शुरुआती दौर में पता लग जाए तो बच्चों की कई तरीके से मदद की जाती है. दुनिया भर के कई स्कूलों में इस तरह के बच्चों के लिए अलग से पढ़ाई की व्यवस्था होती है. कई जगहों पर कैंपेन भी चलाए जाते हैं.डिस्लेक्सिया के कारण क्या होते हैं?
1.जेनेटिक
2. मानसिक बदलाव
3. शिक्षा
डिस्लेक्सिया में क्या करें और क्या न करें
- अगर आपके बच्चे में ऐसे कोई लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.
- बच्चों को कोई भी बात डांटने के बजाए प्यार से समझाएं.
- उसे हर तरीके से सपोर्ट करें और उसे समय दें.
- उसके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की सोचे.
- उसे घर में कभी अकेला न छोड़ें.