इस साल की राम नवमी 2024 (Ram Navami 2024) अयोध्‍यावासियों के लिए बेहद खास होने वाली है. इस साल 17 अप्रैल को राम नवमी के दिन अयोध्‍या राम मंदिर में विराजमान राम लला की प्रतिमा का दोपहर करीब 12 बजे सूर्य तिलक किया जाएगा. सूर्य तिलक के लिए फिजिक्स की एक खास तकनीक ऑप्टोमैकेनिकल सिस्‍टम (Optomechanical System) का इस्‍तेमाल किया जाएगा और सूरज की किरणों को गर्भगृह तक पहुंचाया जाएगा. जानकारी के अनुसार ये सूर्य तिलक 75 मिमी का होगा. इसके लिए सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) रुड़की के विज्ञानियों की टीम ने खास तैयारियां की हैं. आइए आपको बताते हैं कि आखिर क्‍या है ऑप्टोमैकेनिकल सिस्‍टम-

जानिए कैसे काम करेगा ऑप्टोमैकेनिकल सिस्‍टम

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गर्भगृह में स्थापित रामलला की प्रतिमा तक सूर्य की किरणों को पहुंचाने के लिए पाइप और ऑप्टोमैकेनिकल सिस्‍टम (लेंस, मिरर, रिफ्लेक्टर) आदि की मदद ली जाएगी.  इसके लिए एक रिफ्लेक्टर, 2 दर्पण, 3 लेंस और 8 से 9 मीटर लंबा पीतल पाइप लगाया गया है. चूंकि रामनवमी की तारीख चंद्र कैलेंडर से तय होती है. ऐसे में सूर्य तिलक तय समय पर हो, इसीलिए सिस्टम में 19 गियर लगाए गए हैं, जो सेकंड्स में दर्पण और लेंस पर किरणों की चाल बदलेंगे.

रिफ्लेक्टर, ये एक बड़ा बॉक्‍स छत पर लगा है, इसमें एक बड़ा मुख्‍य लेंस है जो बिना बिजली 19 गियर पर काम करेगा. रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें दोपहर 12 बजे सबसे पहले तीसरी मंजिल पर लगे सिस्‍टम के पहले रिफ्लेक्‍टर पर पड़ेंगीं. यहां से पहले दर्पण पर जाएंगीं और फिर लेंस के जरिए आगे बढ़ेंगीं. वर्टिकल पाइप में लेंस से गुजरते हुए ये किरणें गर्भ गृह में राम लला के ठीक सामने लगे दर्पण पर गिरेंगीं और सीधे रामलला के मस्‍तक पर तिलक के रूप में पहुंचेंगीं.

दुल्‍हन की तरह सजाई जा रही अयोध्‍या

इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए दूर-दूर से लोग अयोध्‍या पहुंच रहे हैं. रामनवमी पर अयोध्‍या को दुल्‍हन की तरह सजाने की तैयारी है. इसके लिए करीब 50 क्विंटल​ फूलों से मंदिर और 70 एकड़ में फैले परिसर को सजाया जाएगा. रामनवमी पर हेलिकॉप्टर से गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा राम भक्तों पर की जाएगी. बता दें कि अयोध्या में शुक्रवार को राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के सूर्य तिलक का सफल ट्रायल किया गया. दर्पण के जरिए भगवान के मस्तक पर सूर्य की किरण डाली गईं.