Ram Navami 2024 in Ayodhya: देशभर में आज राम नवमी का पर्व मनाया जा रहा है. लेकिन अयोध्‍या में आज की राम नवमी बेहद खास है. राम मंदिर बनने के बाद अयोध्‍या में ये पहली राम नवमी है. इस मौके पर भगवान राम की प्रतिमा को दिव्‍य स्‍नान कराया गया और ठीक 12 बजे श्रीराम को सूर्य तिलक लगाया गया. इस सूर्य तिलक के लिए फिजिक्स की एक खास तकनीक ऑप्टोमैकेनिकल सिस्‍टम (Optomechanical System) का इस्‍तेमाल किया गया है. राम मंदिर में इस भव्‍य नजारे को देखने के लिए दूर-दूर से लोग अयोध्‍या पहुंचे हैं.

ऐसे किया गया श्रीराम का सूर्य तिलक

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गर्भगृह में स्थापित रामलला की प्रतिमा तक सूर्य की किरणों को पहुंचाने के लिए पाइप और ऑप्टोमैकेनिकल सिस्‍टम (लेंस, मिरर, रिफ्लेक्टर) आदि की मदद ली गई. इसके लिए एक रिफ्लेक्टर, 2 दर्पण, 3 लेंस और 8 से 9 मीटर लंबा पीतल पाइप लगाया गए थे. रिफ्लेक्टर, ये एक बड़ा बॉक्‍स छत पर लगाया गया. सूर्य की किरणें दोपहर 12 बजे सबसे पहले तीसरी मंजिल पर लगे सिस्‍टम के पहले रिफ्लेक्‍टर पर पड़ीं और यहां से पहले दर्पण  और फिर लेंस के जरिए आगे बढ़ीं और वर्टिकल पाइप में लेंस से गुजरते हुए ये किरणें गर्भ गृह में राम लला के ठीक सामने लगे दर्पण पर गिरकर श्रीराम के मस्‍तक तक पहुंचीं. 

अद्भुत नजारा देखने दूर-दूर से पहुंचे भक्‍त

इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए दूर-दूर से भक्‍त अयोध्‍या पहुंचे. सूर्य तिलक के समय पूरा मंदिर परिसर श्रीराम के नाम से गूंज उठा. हर तरफ मंत्रोच्‍चारण की गूंज थी. इस मौके पर श्रीराम ने पीले रंग के खास वस्‍त्र धारण किए थे. ये वस्‍त्र खादी और हैंडलूम से तैयार किए गए हैं और इस परिधान को तैयार करने में वैष्णो संप्रदाय के प्रतीकों का इस्तेमाल किया गया है. साथ ही मखमली कॉटन, गोल्ड और सिल्वर धागों का इस्तेमाल हुआ है. बता दें कि आज की रामनवमी सभी रामभक्‍तों के लिए बेहद खास है. अयोध्‍या में श्रीराम की प्राण प्रतिष्‍ठा के बाद ये वहां पहली राम नवमी है.