Ayodhya पहुंचा दुनिया का सबसे छोटा अस्पताल, आठ मिनट में बनकर हो जाएगा तैयार, मिलेगी ये सारी सुविधाएं
Ram Mandir Ayodhya Portable Cubes Hospitals: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले दुनिया के सबसे पोर्टेबल अस्पताल को अयोध्या भेजा जा रहा है. क्यूब्स 400 लोगों की कैजुअल्टी को संभाल सकेगा. जानिए इस अस्पताल की खासियत.
Ram Mandir Ayodhya Portable Cubes Hospitals: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत बने दुनिया के पहले पोर्टेबल अस्पताल को अयोध्या भेजा रहा है. एयरफोर्स के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी अयोध्या में दो क्यूब्स से दो जगह अस्पताल तैयार करेंगे. लता मंगेशकर चौक और टेंट सिटी के लिए ये क्यूब्स भेजे जा रहे हैं. ये क्यूब्स 400 लोगों की कैजुअल्टी को संभाल सकेगा. इन्हें अरोग्य मैत्री क्यूब नाम दिया गया है. एक अस्पताल में एयरफोर्स के एक डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ समेत छह लोग तैनात रहेंगे.
Ram Mandir Ayodhya Portable Cubes Hospitals: मेड इन इंडिया अस्पताल, कहीं भी आठ मिनट पर हो सकता है तैयार
अरोग्य मैत्री क्यूब्स दुनिया का सबसे छोटा मेड इन इंडिया अस्पताल, जो दुनिया में कहीं भी आठ मिनट में तैयार हो सकता है. इन चौकोर खानों में बंद दुनिया के सबसे छोटे अस्पताल में किसी भी आपदा में एयरलिफ्ट होकर पहुंचाया जा सकता है. हवाई रुट के जरिए, जमीन से या समंदर के रास्ते ये अस्पताल हर हाल में हादसे की जगह पर पहुंच सकता है. आपदा के वक्त 200 लोगों का इलाज करने में सक्षम है. 25 लोगों के एक साथ एक वक्त पर टेस्ट करने में सक्षम है.
Ram Mandir Ayodhya Portable Cubes Hospitals: हर पीड़ित के लिए संजीवनी है ये अस्पताल, इन देशों ने दिया है सहयोग
इमरजेंसी से लेकर सर्जरी तक, आग लगने, युद्ध, बाढ़, भूकंप - हर तरह के पीड़ित के लिए ये अस्पताल संजीवनी है. . पीएम मोदी ने इस अस्पताल को बनाने का जिम्मा रक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय को एक साल पहले दिया था. एक ऐसा अस्पताल जिससे दुनिया को फायदा हो सके. ये सपना साकार हुआ है प्रोजेक्ट भीष्म के तौर पर. श्रीलंका और म्यांमार को सरकार के आरोग्य मैत्री अभियान के तौर पर इसे भारत की ओर से तोहफे में दिया गया है जैसे वैक्सीन मैत्री के तौर पर दुनिया भर को भारत ने वैक्सीन दी थी.
Ram Mandir Ayodhya Portable Cubes Hospitals: तीन हिस्सों में बांटा गया है अस्पताल, ऑपरेशन थिएटर्स से मेडिकल सप्लाई तक शामिल
तीन क्यूबिकल्स में कुल 36 बॉक्स हैं. इसे तीन हिस्सों में बांटा गया है. मेडिकल सप्लाई - दवाओं और टेस्ट से लेकर ऑपरेशन थिएटर तक मेडिकल सप्लाई में शामिल हैं. सर्वाइवल सप्लाई - जो डॉक्टर इस अस्पताल के लिए काम करेंगे उनके रहने, खाने और सर्वाइव करने की व्यवस्था जैसे कुकिंग का सामान, कंबल और खाने पीने का सामान वगैरह.नॉन मेडिकल सप्लाई - जेनरेटर, सोलर पैनल. अस्पताल ऐसे काम कर सकता है कि अंजान डॉक्टर या नौसिखिया मेडिकल एक्सपर्ट भी इसे तैयार कर सकता है.
Ram Mandir Ayodhya Portable Cubes Hospitals: भीष्म ऐप में है सारी जानकारी, स्कैन करके मिलेगी सारी जानकारी
इन बंद खानों में क्या है इसकी जानकारी भीष्म ऐप में है. इसके लिए दो मोबाइल फोन साथ दिए जाते हैं- ये फोन ऑफलाइन सिस्टम में काम कर सकते हैं यानी इंटरनेट की जरूरत नहीं है. सुरक्षा और हादसे की जगह के हिसाब से ये फीचर बेहद अहम है. ये जानकारी 60 भाषाओं में दी गई है. इसके अलावा RFID टैग भी है. ये भी बिना इंटरनेट काम कर सकता है. किस खाने में क्या बंद है, ये ऊपर लिखा तो है ही लेकिन अगर जानकारी पढ़ी ना जा सके तो आरएफआईडी से स्कैन करके बंद खाने में अंदर क्या है, ये एक मिनट में पता चल सकता है.
Ram Mandir Ayodhya Portable Cubes Hospitals: आठ से 10 मिनट में तैयार किया जा सकता है ऑपरेशन थिएटर, 200 लोगों का हो सकता है इलाज
युद्द के मैदान में या डिजास्टर की लोकेशन पर इस अस्पताल को ले जाकर ऑपरेशन थिएटर को 8 से 10 मिनट में तैयार किया जा सकता है. पूरा अस्पताल 1 घंटे में तैयार किया जा सकता है. अस्पताल के तीन फ्रेम के बीच जेनरेटर फिट किया गया है और छत पर आपरेशन थिएटर. इस अस्पताल में आईसीयू, ऑपरेशन थिएटर, बेड्स, दवाएं और खाने का सामान भी मौजूद है. ये अस्पताल 200 लोगों का इलाज कर सकता है और 100 मरीजों को 48 घंटे तक बेड्स पर रख सकता है. इस अस्पताल को पूरी तरह सोलर एनर्जी और बैटरीज़ की मदद से चलाया जा सकता है.
Ram Mandir Ayodhya Portable Cubes Hospitals: ढाई करोड़ रुपए की है कुल लागत, HLL lifecare के साथ मिलकर हुआ तैयार
टेस्ट करने की लैब, वेंटिलेटर, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड मशीन जैसे उपकरण से लैस इस अस्पताल में वो सब कुछ है जो किसी आधुनिक अस्पताल में होना चाहिए. फ्रैक्चर, हेड इंजरी, ब्लीडिंग या सांस की समस्या हो या एंटीबायोटिक और पेनकिलर दवाओं की जरुरत – अस्पताल में सब मौजूद है. अस्पताल को रक्षा मंत्रालय ने स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग और HLL lifecare के साथ मिलकर तैयार किया है. इस अस्पताल की लागत ढाई करोड़ रुपए है.