Ram Mandir Trust, IAS Nripendra Mishra: : राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए दो हफ्ते का वक्त रह गया है. दुनिया भर के करोड़ों राम भक्त इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंदिर में चल रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण किया है. साल 2020 में पीएम नरेंद्र मोदी ने श्री राम  मंदिर निर्माण समिति बनाने की घोषणा की थी. इसका अध्यक्ष IAS नृपेंद्र मिश्र को बनाया गया था. नृपेंद्र मिश्रा साल 1967 बैच के रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर हैं.   

Ram Mandir, IAS Nripendra Mishra: पीएम नरेंद्र मोदी ने नियुक्त किया था प्रधान सचिव, यूपी कैडर के थे आईएएस ऑफिसर 

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नृपेंद्र मिश्र पीएम नरेंद्र मोदी के काफी करीब हैं. साल 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी पीएम बने तो उन्होंने नृपेंद्र मिश्र को अपना प्रधान सचिव नियुक्त किया था. नृपेंद्र मिश्र उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस ऑफिसर रहे हैं. उन्होंने यूपी के दो-दो सीएम के साथ काम किया है. वह सीएम के प्रधान सचिव थे. इसके अलावा उन्होंने यूपी बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के चेयरपर्सन और ग्रेटर नोएडा के सीईओ का पद भी संभाला है. वहीं, केंद्र में डेप्यूटेशन के दौरान उन्होंने टेलिकॉम सचिव की जिम्मेदारी निभाई. 

Ram Mandir, IAS Nripendra Mishra: कई थिंकटैंक से जुड़े थे नृपेंद्र मिश्रा, अमेरिका से की है पढ़ाई

नृपेंद्र मिश्र  साल 2006-2009 के बीच ट्राई के चैयरमैन रहे थे. इसके अलावा वह 2002 से लेकर 2004 तक फर्टिलाइजर सचिव भी रहे. नृपेंद्र मिश्र कई थिंकटैंक का हिस्सा भी रह चुके हैं. साल 1985 से 1988 तक वह अमेरिका में भारतीय एंबेसी में मंत्री रहे थे. इसके अलावा उन्होंने वर्ल्ड बैंक के कंसलटेंट और एशियन डेवलेपमेंट बैंक,  इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रिकल्चर डेवलपमेंट और नेपाल सरकार के सलाहाकार भी रह चुके हैं. उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है.  

Ram Mandir, IAS Nripendra Mishra: नियमों में किया गया था बदलाव, संशोधन के लिए लाया गया था अध्यादेश

नृपेंद्र मिश्रा ट्राई के चैयरमैन रह चुके हैं. नियमों के अनुसार इस पद में रह चुका कोई भी व्यक्ति केंद्र या राज्य सरकार में कोई भी पद हासिल नहीं कर सकता है. साल 2014 में नृपेंद्र मिश्र को प्रधान सचिव नियुक्त करने के लिए इस नियम में बदलाव किया गया. मोदी सरकार के आने के बाद इस नियम को संशोधन के लिए अध्यादेश लाया गया.  इसके बाद उनकी नियुक्ति का रास्ता साफ हुआ. साल 2019 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया. इसके बाद उन्हें नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल का चेयरमैन बनया गया.