Rajasthan Assembly Election 2023: ये हैं राजस्थान की Hot Seats, जिन पर है सभी की नजर
Rajasthan Election 2023: राजस्थान में आज वोटिंग की जा रही है. इस बीच वहां की कुछ सीटों की बहुत चर्चा है. इन्हें वीआईपी सीट कहा जा रहा है. यहां जानिए ऐसी 5 सीटों के बारे में.
Rajasthan vidhan Sabha Chunav 2023: राजस्थान में 200 में से 199 सीटों के लिए आज मतदान किया जा रहा है. इस बार के चुनाव में कुल 1863 प्रत्याशी मैदान में हैं. राज्य में सरकार बनाने के लिए कड़ा मुकाबला हर बार की तरह भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है. राजस्थान में 1993 के बाद से हर बार पार्टी बदलने का ट्रेंड रहा है यानी हर बार चुनाव में जनता विपक्षी पार्टी को मौका देती है. इस कारण वहां कोई भी पार्टी लगातार दो बार सरकार नहीं बना पायी है.
इस बार भी बीजेपी रिवाज को कायम रखने की बात करते हुए सरकार बनाने के दावे कर रही है. वहीं कांग्रेस इस रिवाज को बदलने के लिए पूरा जोर लगा रही है. रिवाज कायम रह पाएगा या नहीं, ये तो 3 दिसंबर को परिणाम सामने आने के बाद ही पता चल पाएगा. फिलहाल राजस्थान की कुछ सीटों की बहुत चर्चा है. इन्हें वहां की वीआईपी सीट कहा जा रहा है. यहां से राज्य के बड़े चेहरे चुनाव लड़ रहे हैं. आइए आपको बताते हैं राजस्थान विधानसभा चुनावों में इन हॉट सीट्स के बारे में.
सरदारपुरा
राजस्थान की सरदारपुरा सीट से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मैदान में हैं. 1998 से लेकर वो अब तक इसी सीट से विधायक हैं. तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इस बार उनका मुकाबला भाजपा के डॉ. महेंद्र सिंह राठौड़ से है. अशोक गहलोत 1980 से लेकर 1998 तक पांच बार सांसद रह चुके हैं.
झालरापाटन
दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकीं वसुंधरा राजे इस सीट से चुनाव लड़ रही हैं. वे इस सीट से लगातार 4 बार जीत दर्ज करवा चुकी हैं. इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के रामलाल चौहान से है. वसुंधरा राजे पांच बार सांसद रही हैं और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं.
टोंक
राजस्थान की इस सीट से सचिन पायलट मैदान में हैं. 2018 में वो वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे यूनुस खान को हराकर पहली बार विधायक बने. गहलोत कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री भी रहे. इस बार उनका मुकाबला पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता से है. सचिन 2004, 2009 में सांसद रह चुके हैं. यूपीए के दूसरे कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. 2014 में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष बने.
तारानगर
भाजपा के राजेंद्र राठौड़ इस बार चुरू से सीट बदलकर तारानगर से चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला मौजूदा विधायक कांग्रेस के नरेंद्र बुडानिया से है. राजेंद्र 7 बार विधायक रह चुके हैं. वे 1990 में पहली बार विधायक बने थे.
आमेर
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. इनकी गिनती राज्य के बड़े जाट नेताओं में होती है. इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रशांत शर्मा से है. पूनिया 2018 में पहली बार विधायक बने थे. वे पहले आमेर से विधानसभा चुनाव हार चुके हैं.