हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस (NRI Day 2024) के तौर पर मनाया जाता है. ये दिन उन लोगों को सम्‍मानित करने का दिन है, जिन्‍होंने दूसरे देशों में रहते हुए तमाम क्षेत्रों में भारत के मान को बढ़ाया है. प्रवासी भारतीय दिवस का संबन्‍ध महात्‍मा गांधी से जुड़ा हुआ है. आइए जानते हैं इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए 9 जनवरी का दिन ही क्‍यों चुना गया? क्‍या है इस दिन का इतिहास.

जानिए क्‍यों चुना गया 9 जनवरी का दिन

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भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को चिह्नित करने के उद्देश्‍य से साल 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत में प्रवासी दिवस मनाने की घोषणा की थी. इसके बाद पहली बार ये दिन 9 जनवरी 2003 को सेलिब्रेट किया गया था. 9 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे और भारत लौटने के बाद उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया और भारतीयों के जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया.

हर दो साल में खास थीम के साथ सेलिब्रेट होता है ये‍ दिन

साल 2003 से लेकर 2015 तक इसे हर साल सेलिब्रेट किया जाता था. लेकिन साल 2015 में इसमें संशोधन किया गया और उसके बाद से प्रवासी भारतीय दिवस हर दो साल की अवधि के अंतराल पर मनाया जाने लगा. इस मौके पर विदेश मंत्रालय की ओर से खास थीम चुनी जाती है. उस थीम के अनुसार ही भारत सरकार की ओर से देश में काफी बड़े सम्‍मेलन का आयोजन किया जाता है. साल 2023 में 17वां प्रवासी भारतीय दिवस इंदौर में मनाया गया था. इसकी थीम थी- 'प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार (Diaspora: Reliable Partners for India’s Progress in Amrit Kaal)'.

जानिए 2003 से अब तक कब-कब हुआ सेलिब्रेट

2003- 9-11 जनवरी नई दिल्‍ली    

2004- 9-11 जनवरी नई दिल्‍ली

2005- 7-9 जनवरी  मुंबई

2006- 7-9 जनवरी हैदराबाद    

2007- 7-9 जनवरी नई दिल्‍ली    

2008- 7-9 जनवरी नई दिल्‍ली

2009- 7-9 जनवरी चेन्‍नई    

2010- 7-9 जनवरी नई दिल्‍ली

2011- 7-9 जनवरी नई दिल्‍ली

2012- 7-9 जनवरी जयपुर

2013- 7-9 जनवरी कोच्चि

2014- 7-9 जनवरी नई दिल्‍ली

2015- 7-9 जनवरी गांधीनगर

2017- 7-9 जनवरी बेंगलुरु

2019- 7-9 जनवरी वाराणसी

2021- 7-9 जनवरी वर्चुअल

2023- 7-9 जनवरी इंदौर