दिल्‍ली में इन दिनों प्रदूषण के चलते बुरा हाल है. आसमान में धुंध की चादर छाई है. तमाम जगहों पर AQI 400 के पार पहुंच गया है. इन हालातों ने दिल्‍लीवासियों के लिए भी तमाम तरह की समस्‍याओं को बढ़ा दिया है. दिल्ली में वायु प्रदूषण के चलते लोग कई सारी बीमारियों का सामना कर रहे है. ऐसे में लोगों को सांस से जुड़ी तमाम समस्‍याएं होने लगी हैं और वो अस्‍पताल पहुंच रहे हैं. डॉक्‍टर्स के मुताबिक इन दिनों दिल्‍ली में साइलेंट निमोनिया के केस बढ़ रहे हैं.

दिल्‍ली में बढ़ रहे निमोनिया के केस

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इस मामले में दिल्ली के सीके बिरला अस्पताल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. विकास मित्तल का कहना है कि 'इन दिनों इमरजेंसी में निमोनिया जैसी सांस की समस्याओं से जूझ रहे मरीज भारी संख्‍या में आ रहे हैं. कई मामलों में वॉकिंग निमोनिया या एटिपिकल निमोनिया देखने को मिल रहा है. ऐसे में एक्स-रे में निमोनिया के पैच दिखाई देते हैं, लेकिन रोगी गंभीर रूप से बीमार नहीं होते हैं. इसके साथ ही साइलेंट निमोनिया के मामलों में भी वृद्धि देखने को मिल रही है, जिसमें छाती में संक्रमण इतना गंभीर हो जाता है कि मरीज को आईसीयू में भर्ती करना पड़ता है.

प्रदूषण के चलते हो रही ये समस्‍याएं

डॉक्‍टर का कहना है कि कई मरीज बुखार के बिना भी ऊपरी श्वसन संबंधी लक्षणों जैसे कि आंख, नाक और गले में खुजली महसूस कर रहे हैं. हालांकि ये स्पष्ट नहीं है कि प्रदूषण इसका प्राथमिक कारण है या नहीं, लेकिन साल के इस समय में इतने सारे निमोनिया के मामले देखना असामान्य है, इसलिए हमें यह जांच करने की जरूरत है कि क्‍या वायु गुणवत्ता के कारण यह मामले सामने आ रहे हैं? वायु प्रदूषण पर अक्सर चर्चा की जाती है, लेकिन सेहत पर इसके प्रभाव, विशेष रूप से निमोनिया के मामलों में हो रही वृद्धि को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.

बचाव के लिए ये उपाय आजमाना जरूरी

डॉ. मित्‍तल का कहना है कि दिल्‍ली की इस जहरीली हवा से स्वस्थ व्यक्ति भी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में सामान्‍य और स्‍वस्‍थ लोगों के साथ-साथ क्रोनिक हार्ट, किडनी या लिवर की समस्या से जूझ रहे मरीजों को बचाव के विशेष उपाय करना जरूरी हैं. इसके लिए अपने भोजन में नट्स, फलों और सब्जियों के रूप में एंटीऑक्सीडेंट शामिल करें. इसके साथ ही अपने आप को हाइड्रेटेड रखें. डॉ. विकास मित्तल का कहना है कि अगर स्वस्थ आहार का सेवन अपर्याप्त है तो सप्लीमेंट इसकी जरूरतों को पूरा करने में मदद कर सकता है. जिन लोगों को पहले से ही कोई बीमारी है, उन्हें अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए कि वह खुद को कैसे सुरक्षित रखें.