Pollution in Delhi: कैसे आपकी जिंदगी के लिए 'स्लो पॉइजन' का काम कर रहा है प्रदूषण? जानिए बचाव के तरीके
दिल्ली की हवा एयर क्वालिटी इंडेक्स के हिसाब से 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है. जिसके कारण कई बीमारियां लोगों को घेर रहीं है. चलिए जान लीजिए इससे बचने के उपाय.
Pollution in Delhi: भारत की राजधानी दिल्ली में हवा में जहर तेजी से घुलने लगा है, SAFAR-इंडिया की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में दिल्ली की हवा 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है. आज दिल्ली का एक्यूआई 286 दर्ज किया गया. दिल्ली में बढ़ते इस दमघोटू प्रदूषण के साथ बीमारियों का खतरा भी बढ़ता चला जा रहा है. इसका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ रहा है, कुछ समस्याएं ऐसी हैं जो लंबे समय तक शरीर को हानि पहुंचा सकती हैं. बता दें कि जब हवा में सूक्ष्म पीएम 2.5 कण मौजूद होते हैं तब गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं सामने आने लगती हैं. आइए जानते हैं कि इस प्रदूषित हवा से किस तरह की बीमारियां होने का खतरा है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस की समस्या
ब्रोंकाइटिस एक खास तरह की सूजन है जो आपके फेफड़ों में जाने वाले वायुमार्ग में रुकावट डाल देती है. इसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति को खांसी हो जाती है. वायु प्रदूषण भी वायुमार्ग में सूजन की एक वजह माना जाता है. इसके कारण क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस की समस्या की समस्या हो सकती है.
अस्थमा की समस्या बढ़ रही
प्रदूषण के कारण उन लोगों को ज्यादा दिक्कत होती है जो पहले से अस्थमा की समस्या से पीड़ित होते हैं. प्रदूषण के कारण अस्थमा अटैक आ सकता है. इसके साथ ही प्रदूषण के कारण सामान्य लोगों के लिए इस बीमारी का रिस्क बढ़ जाता है. अमेरिकन लंग एसोसिएशन के मुताबिक जो लोग ओज़ोन और कण प्रदूषण में सांस ले रहे हैं उनमें अस्थमा की दिक्कत बढ़ सकती है.
इन बीमारियों का भी रिस्क
इन सब के अलावा भी प्रदूषण कई बीमारियों की वजह बन सकता है. इसमें COPD, निमोनिया, फेफड़ों का कैंसर और दिल की बीमारियां शामिल हैं. ये बीमारियां इंसान की मौजूदा लाइफस्टाइल, स्वास्थ्य स्थिति, उम्र, और लिंग का सीधा असर डाल रहीं हैं. कई रिसर्च बताती हैं कि प्रदूषण के कारण लोगों की उम्र करीब 10 साल तक कम होती जा रही है.
बचाव के ये हैं तरीके
प्रदूषण से बचने के लिए घर से जितना कम हो सके उतना कम निकलें, बाहर जाना अवॉइड करें. जाएं तो मास्क लगाकर ही जाएं.
घर पर एयर क्वालिटी को बेहतर करने के लिए घर की बालकनी, बगीचे में प्लांट लगाएं. इनडोर प्लांट भी लगाएं.
शरीर में मौजूद कीटाणुओं को बाहर निकालने के लिए गुनगुना पानी पिएं जिससे आपका बॉडी डिटॉक्स होने के साथ हाइड्रेटेड भी रहेगी.
पर्सनल वाहन का यूज कम करें और कोशिश करें की कारपूलिंग, सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल ज्यादा हो.
गुड़ का सेवन करें, ये शरीर से प्रदूषण के बारीक कणों को निकालने में मददगार माना जाता है.
सब्जियों, फल या बाहर की किसी भी चीज को अच्छे से धोने के बाद ही इस्तेमाल करें.