Olympics 2024: भारतीय महिला रेसलर विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) को आज देर रात 12:45 पर पेरिस ओलंपिक में महिला 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कैटेगरी में गोल्ड मेडल मैच खेलना था. गोल्ड मेडल के लिए 50 किलो कैटेगरी में उनका मुकाबला अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट से होना था. लेकिन आखिरी वक्‍त में उनको 'अयोग्‍य' घोषित कर दिया गया. कारण, उनका वजन करीब 100 ग्राम ज्‍यादा था. 

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विनेश के Disqualify होने के बाद पूरे देश को झटका लगा क्‍योंकि इस मैच के जरिए विनेश देश के लिए मेडल पक्‍का कर चुकी थीं. लेकिन डिस्‍क्‍वालिफाई होने के बाद उन्‍हें अब कोई मेडल नहीं दिया जाएगा. जब विनेश को अयोग्‍य घोषित किए जाने की बात सामने आई तो तमाम लोगों के मन में एक ही सवाल था कि सिर्फ 100 ग्राम ही तो वजन ज्‍यादा है, इतने से वजन से होता क्‍या है? अगर आप भी ऐसा सोच रहे थे, तो यहां जान लीजिए इसका जवाब.

100 ग्राम बढ़े हुए वजन से क्‍या फर्क पड़ता है?

खेल की दुनिया में जो भी नियम बनाए गए हैं वो काफी सोच-समझकर बनाए गए हैं. गेम को फेयर बनाए रखने के लिए इसमें वजन से लेकर तमाम मापदंड तय किए गए हैं. वेट लिफ्टिंग, बॉक्सिंग और रेसलिंग ऐसे गेम्‍स हैं जिसमें वजन बहुत मायने रखता है. इसमें अगर एक जैसी ताकत वाले खिलाड़ी होंगे तो वो बराबर की ताकत लगाएंगे. वहीं अगर किसी का वजन ज्‍यादा है तो उसकी ताकत भी बढ़ जाएगी. इसीलिए महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग भार वर्ग के लिए अलग-अलग वजन के मापदंड तय किए गए हैं. अगर किसी का वजन 100 ग्राम ज्यादा है, तो इसका मतलब है कि वो सौ ग्राम ज्यादा ताकत लगा रहा है. यह फेयर गेम नहीं माना जाएगा. इसलिए रेसलिंग में 100 ग्राम तो छोड़‍िए 10 ग्राम बढ़ा हुआ वजन भी काफी मायने रखता है.

महज कुछ घंटों में खिलाड़ी का वजन कैसे बढ़ गया?

पहले दिन जब विनेश फोगाट का वजन लिया गया था, तब वजन 50 किलो के अंदर था, लेकिन दूसरे दिन ये 100 ग्राम ज्‍यादा निकल आया. मीडिया रिपोर्ट्स में तो ये भी कहा जा रहा है कि विनेश का वजन रात में 2 किलो ज्‍यादा हो गया था, जिसे कम करने के लिए उन्‍होंने जॉगिंग से लेकर स्किपिंग और साइकिलिंग सबकुछ किया. फिर भी वजन 100 ग्राम ज्यादा रह गया और वो डिस्क्वालिफाई हो गईं.  

लेकिन ऐसे में सवाल है कि आखिर इतनी जल्‍दी किसी का इतना वजन बढ़ सकता है क्‍या? तो इसका जवाब है कि रेसलर के लिए उसकी डाइट सबसे महत्वपूर्ण होती है. उनका खानपान दूसरे लोगों से अलग होता है. उन्‍हें ज्‍यादा कैलोरी वाला फूड दिया जाता है, जिससे की उनके अंदर एंड्यूरेंस बना रहे और अपने मुकाबले में बेहतर प्रदर्शन कर सकें. लेकिन ऐसे में इस हाई कैलोरी डाइट में तय सीमा से थोड़ा सा भी कैलोरी अधिक हुआ तो वजन बढ़ने का रिस्‍क बढ़ जाता है. इसके अलावा डाइट में ज्‍यादा कार्बोहाइड्रेट लेना, स्‍ट्रेस, हार्मोन का गड़बड़ाना, नींद पूरी न होना आदि तमाम वजहों से भी वजन बढ़ सकता है. हालांकि विनेश के केस में किस वजह से वजन बढ़ा, ये अभी सामने नहीं आया है.

कौन सा खिलाड़ी किस कैटेगरी में खेलेगा, ये कौन तय करता है?

ओलंपिक में जाने से पहले खिलाड़ी को कई प्रतियोगिताओं में खुद को साबित करना होता है. ऐसे में सबसे पहली प्रतियोगिता जिला स्‍तर पर होती है, जिसमें ये तय हो जाता है कि कोई पहलवान किस कैटेगरी में लड़ेगा. उसके बाद तमाम स्‍तर पर खिलाड़ी को खुद को साबित करना होता है. जिले को क्‍वालिफाई करने के बाद खिलाड़ी राज्य स्‍तर पर, फिर राज्य से नेशनल और नेशनल से ओलंपिक तक क्वालिफाई होता है. नेशनल लेवल पर हर राज्य से चुने हुए पहलवानों के बीच मुकाबला होता है. इसमें जो सबसे अच्‍छा प्रदर्शन करता है, उसे ओलंपिक के लिए चुना जाता है.