No Smoking Day: स्मोकिंग ही नहीं, पैसिव स्मोकिंग भी है उतनी ही खतरनाक? जानिए किस तरह बढ़ाती है आपकी मुश्किलें
No Smoking Day 2024 Significance and Theme: आज नो स्मोकिंग डे के मौके पर जानिए इस दिन का मकसद, थीम और एक्टिव व पैसिव स्मोकिंग से शरीर को होने वाले तमाम नुकसान के बारे में.
Smoking and Passive Smoking Side Effects on No Smoking Day 2024: हर साल मार्च के महीने के दूसरे बुधवार को धूम्रपान निषेध दिवस (No Smoking Day) मनाया जाता है. इस साल ये दिन आज यानी 13 मार्च को मनाया जा रहा है. नो स्मोकिंग डे, लोगों को धूम्रपान से होने वाले तमाम नुकसानों को लेकर जागरुक करने और उन्हें स्मोकिंग छोड़ने के लिए प्रेरित करने का दिन है. हर साल इस दिन की एक थीम भी निर्धारित की जाती है. साल 2024 में धूम्रपान निषेध दिवस की थीम (No Smoking Day 2024 Theme) है बच्चों को तंबाकू प्रोडक्ट्स से बचाना. बता दें कि स्मोकिंग आजकल एक ट्रेंड सा बनता जा रहा है. स्मोकिंग से सिर्फ धूम्रपान करने वालों को ही नुकसान नहीं पहुंचता है, बल्कि स्मोकिंग के दौरान आसपास रहने वालों के लिए भी उतनी ही हानिकारक है.
अगर कोई व्यक्ति टोबैको प्रोडक्ट से स्मोकिंग करता है, उसे तो इससे सीधेतौर पर नुकसान होता है, लेकिन साथ में खड़े लोग जो स्मोकिंग के दौरान निकलने वाले धुएं को इन्हेल करते हैं, उनके लिए भी उतनी ही समस्या बढ़ती है. इसे पैसिव स्मोकिंग या सेकंड हैंड स्मोकिंग कहा जाता है. WHO के मुताबिक हर साल करीब 80 लाख लोगों की मौत होती है, इसमें से 12 लाख लोग पैसिव स्मोकिंग करके तंबाकू का कंजप्शन करने वाले हैं. आज No Smoking Day 2024 के मौके पर आइए आपको बताते हैं स्मोकिंग और पैसिव स्मोकिंग से होने वाले नुकसान के बारे में.
पहला अटैक लंग्स पर
इस मामले में डॉ. रमाकान्त शर्मा कहते हैं कि आप स्मोकिंग करते हों या पैसिव स्मोकिंग, सबसे पहले अगर किसी अंग को नुकसान का खतरा रहता है तो वो हैं आपके फेफड़े. सांस के जरिए जब सिगरेट का धुआं आपके शरीर में जाता है, तो सबसे पहले ये आपके लंग्स के लिए समस्या खड़ी करता है. इसके कारण अस्थमा, टीबी, निमोनिया और सीओपीडी जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है. साथ ही फेफड़ों के कैंसर का भी रिस्क बढ़ जाता है.
प्रेगनेंट महिलाओं के लिए भी हानिकारक
स्मोकिंग और पैसिव स्मोकिंग गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिए भी काफी नुकसानदायक होती है. अगर प्रेगनेंट महिला स्मोकिंग के संपर्क में रहती है तो इससे उसके बच्चे की ग्रोथ पर बुरा असर पड़ता है और बच्चे में किसी न किसी तरह डिफेक्ट आने का रिस्क बढ़ जाता है. इससे बच्चे को न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी हो सकती हैं.
बढ़ता है इन्फर्टिलिटी का रिस्क
आजकल इन्फर्टिलिटी की समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है. इसका एक कारण स्मोकिंग भी है. स्मोकिंग चाहे सीधेतौर पर की जाए या पैसिव स्मोकिंग की जाए, इससे न सिर्फ महिलाओं में बल्कि पुरुषों में भी इन्फर्टिलिटी का रिस्क बढ़ता है. स्मोकिंग पुरुषों में स्पर्म को नुकसान पहुंचता है, वहीं महिलाओं में ओवरीज और एंडोमेट्रियल लाइनिंग को नुकसान पहुंचाती है. इसके अलावा कई बार पैसिव स्मोकिंग महिलाओं में हॉर्मोनल समस्याओं की भी वजह बनती है.
स्ट्रोक का रिस्क
स्मोकिंग के जरिए हार्ट स्ट्रोक और ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा बढ़ता है. पैसिव स्मोकिंग ब्लड को अधिक चिपचिपा बनाता है और थक्के की आशंका को बढ़ाता है. इससे ब्लड वेसल में ब्लॉकेज का रिस्क बढ़ता है और हार्ट स्ट्रोक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है.
बच्चों के लिए पैसिव स्मोकिंग बहुत हानिकारक
बच्चों में बड़ों के मुकाबले पैसिव स्मोकिंग का असर ज्यादा होता है क्योंकि बच्चे बड़ों की तुलना में सांस ज्यादा तेजी से लेते हैं. पैसिव स्मोकिंग से बच्चों का इम्यून सिस्टम भी कमजोर होता है. साथ ही उनमें निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, खांसी और सांस फूलने आदि की समस्याओं का रिस्क काफी बढ़ जाता है. कई बार उनके सुनने की क्षमता भी इससे प्रभावित होती है. बच्चों के अलावा किडनी पेशेंट, हार्ट पेशेंट, लंग्स डिजीज से जूझ रहे मरीज, बुजुर्ग के लिए भी स्मोकिंग और पैसिव स्मोकिंग बहुत हानिकारक है.
कैसे करें बचाव
स्मोकिंग छोड़ना और स्मोकिंग करने वाले के संपर्क में आने से खुद को पूरी तरह से बचाना ही इसका एकमात्र सॉल्यूशन है. गर्भवती, बुजुर्ग, बच्चों और किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीज खुद को हर हाल में पैसिव स्मोकिंग से बचाएं. उन रेस्टोरेंट या बार में जाने से बचें, जहां स्मोकिंग होती है. नियमित रूप से लंग्स को स्वस्थ बनाने वाली ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें. डाइट में विटामिन सी, अदरक, ग्रीन टी, पनीर, फल और हरी सब्जियां शामिल करें. ये आपके शरीर को अंदर से मजबूत करेंगीं और अगर आपको सिगरेट पीने की लत है, तो उसकी क्रेविंग को कम करने में मददगार होंगीं.