संसद भवन की नई इमारत (New Parliament Building) बनकर पूरी तरह से तैयार है. 28 मई रविवार को इस बिल्‍डिंग का उद्घाटन होने जा रहा है. 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इसके लिए जोर शोर से तैयारियां चल रही हैं. नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के लिए मेहमानों की लिस्ट तैयार की गई है. सभी सांसदों और प्रमुख नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है.

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इसके अलावा भारत सरकार के सभी मंत्रालयों के सचिवों को भी निमंत्रण भेजा गया है. वहीं बताया जा रहा है कि नए संसद भवन के मुख्य वास्तुकार बिमल पटेल और प्रतिष्ठित उद्योगपति रतन टाटा को भी इस ऐतिहासिक अवसर पर आमंत्रित किया गया है. इनके अलावा फिल्मी सितारों और खिलाड़ियों सहित कुछ प्रमुख हस्तियों को भी न्‍योता दिया गया है. निमंत्रण भौतिक और डिजिटल दोनों रूपों में भेजा गया है.

क्‍यों पड़ी नए संसद भवन की जरूरत

नए संसद भवन को लेकर तमाम लोगों के मन में सवाल होगा कि आखिर इसकी जरूरत क्‍यों पड़ी? तो आपको बता दें कि संसद का वर्तमान भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था, जो अब लगभग 100 साल पुराना होने जा रहा है. इसके दोनों सदनों में सांसदों के बैठने की सुविधाजनक व्यवस्था का भी अभाव था. इस स्थिति को देखते हुए लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों ने 5 अगस्त 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण के लिए आग्रह किया था. इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के नए भवन का शिलान्‍यास किया.

नए संसद भवन की खासियत

  • पुरानी संसद की बात करें तो इसका आकार गोल है, जबकि नए संसद भवन को तिकोने आकार में डिजाइन किया गया है. 
  • अभी लोकसभा में 590 और राज्‍यसभा में 280 लोगों की सिटिंग कैपेसिटी है. जबकि नए संसद भवन की बात करें तो लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है. 
  • वहीं नई राज्‍यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्‍यादा लोगों के बैठने की क्षमता है. दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकते हैं. 
  • नए संसद भवन में अहम कामकाज के लिए अलग ऑफिस बनाए गए हैं, जो हाईटेक सुविधाओं से लैस है. 
  • कैफे, डाइनिंग एरिया, कमेटी मीटिंग के तमाम कमरों में भी हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं. कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था की गई है.

संविधान हॉल है बहुत खास

नई  संसद की सबसे बड़ी विशेषता संविधान हॉल है. ये भवन के बीचोंबीच बना हुआ है. इसके ऊपर अशोकस्‍तंभ लगा है. कहा जा रहा है कि इस हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी. साथ ही महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, देश के प्रधानमंत्रियों की बड़ी तस्वीरें भी लगाई गई हैं. बता दें नई संसद केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है. इसका निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था. इसे बनाने का टेंडर टाटा प्रोजेक्ट को साल 2020 के सितंबर में दिया गया था. नए संसद भवन के आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं. साल 2019 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा जा चुका है. 

 

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