National Statistics Day 2023: कौन थे PC Mahalanobis, जिनके जन्मदिन पर सेलिब्रेट किया जाता है सांख्यिकी दिवस
हर साल 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के तौर पर मनाया जाता है. ये दिन पीसी महालनोबिस के जन्मदिन के दिन सेलिब्रेट किया जाता है, जानिए कौन हैं पीसी महालनोबिस.
हर साल 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस (National Statistics Day 2023) के तौर पर मनाया जाता है. ये दिन प्रशांत चंद्र महालनोबिस को समर्पित है. उन्हें पीसी महालनोबिस (PC Mahalanobis) के नाम से भी जाना जाता है. 29 जून को PC Mahalanobis का जन्म हुआ था. नेशनल स्टैटिसटिक्स सिस्टम को स्थापित करने में महालनोबिस का बड़ा योगदान रहा है, इस कारण उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के तौर पर मनाया जाता है. आइए आपको बताते हैं कि कौन थे पीसी महालनोबिस.
कौन थे पीसी महालनोबिस
पीसी महालनोबिस पश्चिम बंगाल के भारतीय वैज्ञानिक और सांख्यिकीविद् थे. उनका जन्म 29 जून 1893 को कोलकाता में हुआ था. उन्हें पॉप्युलेशन स्टडीज की सांख्यिकी माप महालनोबिस डिस्टेंस देने के लिए जाना जाता है. कलकत्ता यूनिवर्सिटी के प्रेसिंडेंसी कॉलेज में शिक्षा के दौरान उन्हें जगदीश चंद्र बसु और प्रफुल्ल चंद्र रे जैसे शिक्षक मिले. भौतिकी में स्नातक की डिग्री पाने के बाद वे उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड चले गए. इंग्लैंड में ही सांख्यिकीय जर्नल बायोमेट्रिक से उनका परिचय हुआ. इसके बाद सांख्यिकी में उनकी दिलचस्पी बढ़ गई.
मॉडर्न स्टैटिस्टिक्स के जनक
महालनोबिस ने मौसमविज्ञान और मानवविज्ञान के समस्याओं में सांख्यिकी की अहम भूमिका की खोज की. उन्होंने इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टिट्यूट की नींव रखी और बड़े पैमाने पर सैंपल सर्वे को तैयार करने में भी योगदान दिया. आज भारतीय सांख्यिकी संस्थान की तमाम शाखाएं कोलकाता के अलावा दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, कोयंबटूर, चेन्नई, गिरिडीह सहित देश के 10 स्थानों में हैं, जहां खासतौर पर सांख्यिकी की पढ़ाई की जाती है.
उनके योगदान में सबसे प्रमुख महालनोबिस दूरी है जो उनके द्वारा सुझाई गई एक सांख्यिकीय माप है. खोपड़ी के सटीक मापन के लिए प्रोफाइलोस्कोप नाम का एक उपकरण बनाया. पीसी महालनोबिस ने दुनिया को ये बताया कि कैसे सांख्यिकी का इस्तेमाल आम आदमी की भलाई के लिए किया जा सकता है. उनके इस योगदान के चलते उन्हें भारत में मॉडर्न स्टैटिस्टिक्स का जनक माना जाता है.
स्वतंत्र भारत के पहले योजना आयोग के सदस्य
देश आजाद होने के बाद प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने महालनोबिस को नवगठित केंद्रीय मंत्रिमंडल का सांख्यिकी सलाहकार नियुक्त किया था. महालनोबिस स्वतंत्र भारत के पहले योजना आयोग के सदस्य भी थे. योजना आयोग के सदस्य के रहते हुए उन्होंने उद्योगों के लिए दो चरणों का मॉडल बनाया. उनके बनाए विशेष महालनोबिस मॉडल को दूसरी पंचवर्षीय योजना में लागू किया गया जिससे देश में तेजी से औद्योगीकरण हुआ. देश में उनके महान योगदान के लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से नवाजा गया.
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