बीते कुछ समय से दिल्‍ली और तमाम शहरों में प्रदूषण बड़ा मुद्दा बना हुआ है. दिल्‍ली में AQI अभी भी 300 के ऊपर है. इस प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए सरकार की ओर से भी तमाम कोशिशें की जा रही हैं. लेकिन उस प्रदूषण से कैसे निपटेंगे जो आपके घर के अंदर फैलता है? हम सभी अक्‍सर बाहरी प्रदूषण का जिक्र करते हैं लेकिन इनडोर पॉल्‍यूशन की बात नहीं करते. आपके घर के अंदर का प्रदूषण बेशक आपको आंखों से नजर नहीं आता, लेकिन ये आपके शरीर को अंदर से कमजोर और बीमार बना रहा है. हर साल 2 दिसंबर को National Pollution Control Day मनाया जाता है. इस मौके पर आपको बताते हैं Indoor Pollution से जुड़ी जरूरी बातें.

इनडोर पॉल्यूशन की वजह

  • लकड़ी, कोयला, या केरोसिन के चूल्हे से निकलने वाला धुआं
  • एसी, हीटर, और कूलर जैसे उपकरण से निकलने वाली हानिकारक गैस
  • पेंट, सफाई के केमिकल्स, एयर फ्रेशनर, और पेस्टिसाइड्स से निकलने वाले रसायन
  • घर के कोनों में जमा धूल और गंदगी 
  • सिगरेट और बीड़ी से निकलने वाला धुआं 
  • पालूत जानवरों के बाल और उनकी त्वचा से निकलने वाले कण 

इनडोर पॉल्यूशन का सेहत पर असर

डॉ. रमाकान्‍त शर्मा के मुताबिक इनडोर पॉल्‍यूशन से लंग्‍स की तमाम समस्‍याएं जैसे फेफड़ों में संक्रमण, अस्थमा, और ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा धूल और केमिकल्स से एलर्जी और त्वचा की समस्याएं बढ़ सकती हैं. रासायनिक गैसें आंखों में जलन और सिरदर्द का कारण बन सकती हैं. लंबे समय तक इनडोर पॉल्यूशन के संपर्क में रहने से हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

इनडोर पॉल्यूशन को कम करने के उपाय

  • खिड़कियां और दरवाजे खोलें ताकि घर के अंदर का वेंटिलेशन ठीक रहे.
  • साफ-सफाई के लिए केमिकल्स की जगह प्राकृतिक प्रोडक्‍ट्स का इस्‍तेमाल करें.
  • घर के अंदर भी इनडोर प्‍लांट्स लगाएं. ये पौधे अंदर के पॉल्‍यूशन को कम करने में मददगार होंगे.
  • घर के अंदर सिगरेट और बीड़ी पीने से बचें.
  • रसोई में एग्जॉस्ट फैन का इस्तेमाल जरूर करें ताकि धुआं बाहर निकल सके.
  • घर के कोनों और फर्नीचर की नियमित सफाई करें ताकि धूल न जमने पाए.