Srinivasa Ramanujan Birthday: हर साल 22 दिसंबर को राष्‍ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day) मनाया जाता है. ये दिन श्रीनिवास रामानुजन (Srinivasa Ramanujan) को समर्पित है. इस दिन उनकी जयंती होती है. 22 दिसंबर, 1887 को तमिलनाडु के इरोड (Erode, Tamilnadu) में एक तमिल ब्राह्मण आयंगर परिवार में जन्‍मे रामानुजन ने गणित (Mathematics) के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया है. उन्‍हें गणित का जादूगर कहा जाता है. गणित के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने 26 फरवरी 2012 को अधिसूचना जारी करते हुए श्रीनिवास रामानुजन के जन्मदिन को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी. तब से हर साल 22 दिसंबर को राष्‍ट्रीय गणित दिवस के तौर पर मनाया जाता है. आइए जानते हैं उनके बारे में-

गणित में उनका योगदान

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गणित के जादूगर रामानुजन ने काफी छोटी उम्र में ही कई सिद्धांत व लगभग साढ़े तीन हजार से अधिक सूत्र दे दिए थे.12 साल से भी कम उम्र में उन्‍होंने त्रिकोणमिति में महारथ हासिल कर ली थी और कई प्रमेय विकसित किए. रामानुजन नंबर 1729 को मैजिक नंबर (Ramanujan Magic Number) कहते थे.  मैथमेटिकल एनालिसिस (Mathematical Ananlysis), नंबर थ्योरी (Number Theory), इनफिनिट सीरीज (Infinite Series) और कंटीन्यूड फ्रैक्शन (Continued Fraction) जैसे गणित के विषय रामानुजन ने ही दिए है.

रामानुजन के जीवन पर बन चुकी है फिल्‍म

गणित सिद्धांतों पर काम करने के कारण रामानुजन को 'लंदन मैथमेटिक्स सोसाइटी' में चुना गया. उनके जीवन पर आ‍धारित एक फिल्‍म भी बन चुकी है. इस फिल्‍म का नाम है द मैन हू न्यू इनफिनिटी (The Man Who Knew Infinity). इस फिल्‍म में रामानुजन का किरदार ब्रिटिश-इंडियन एक्टर देव पाटिल ने निभाया था.

32 साल की उम्र पर निधन

32 साल की उम्र में रामानुजन का टीबी की बीमारी के कारण निधन हो गया. लेकिन इतने कम उम्र के जीवन में भी वो देश-दुनिया के लिए इतना कुछ कर चुके थे कि उनके कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता था. उनके योगदान को देखते हुए साल 2012 में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में घोषित किया.

क्‍या है गणित दिवस का महत्‍व

हर साल 22 दिसंबर को गणित दिवस मनाने का मुख्‍य उद्देश्‍य महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की उपलब्धियों और देश-दुनिया में उनके दिए गए योगदान के प्रति जागरुक करना है. इस दिन बच्‍चों को किताबों से हटकर क्रिटिकल थिंकिंग और लॉजिकल रीजनिंग में एंगेज होने के लिए प्रेरित किया जाता है. कई स्‍कूलों में  अन्य एजुकेशनल प्रोग्राम भी आयोजित किए जाते हैं.