French Fries History: पार्टी हो या किसी तरह का सेलिब्रेशन, ये फ्रेंच फ्राइज़ (French Fries) के बिना पूरा नहीं होता.  फ्रेंच फ्राइज़ बनाने के लिए आलू को लंबे शेप में काटकर डीप फ्राई किया जाता है. आज के समय में ये बच्‍चों से लेकर बड़ों तक का फेवरेट स्नैक्‍स बन चुका है. फ्रेंच फ्राइज़ का नाम सुनकर ऐसा लगता है जैसे इस फूड का ताल्‍लुक फ्रांस से हो, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि  फ्रेंच फ्राइज़ पर फ्रांस, बेल्जियम और अमेरिका तीनों देशों के अपने-अपने दावे हैं. आज नेशनल फ्रेंच फ्राई डे (National French Fry Day) है, इस मौके पर आपको बताते हैं कि कैसे फ्राइड आलू के इस स्‍नैक्‍स का नाम फ्रेंच फ्राइज़ पड़ा और इसका इतिहास क्‍या है?

बेल्जियम का दावा

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कहा जाता है कि पहली बार फ्रेंच फ्राइज़ को सबसे पहले बेल्जियम के नामुर इलाके में बनाकर खाया गया था. वहां के लोग मछली को काटकर फ्राई करके खाते थे. लेकिन 1680 में सर्दियों के मौसम में झीलें जम गईं और उन्हें मछली नहीं मिल पाईं. तब उन्‍होंने मछली के विकल्‍प के तौर पर आलू का इस्‍तेमाल किया और इसे काटकर फ्राई करके खाया. इस तरह फ्रेंच फ्राइज़ की शुरुआत हुई. 

इसके नाम को लेकर कहा जाता है कि वर्ल्ड वॉर के दौरान बेल्जियम सेना की आधिकारिक भाषा फ्रांसीसी थी.  इस कारण से विश्व युद्ध के दौरान बसेरा बनाने वाले अमरीकी सैनिकों ने इस स्‍नैक्‍स को फ्रेंच फ्राइज़ कहना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे अमेरिका में भी फ्रेंच फ्राइज़ का नाम काफी प्रचलित हो गया और लोग इसे काफी पसंद करने लगे. बेल्जियम इस स्‍नैक्‍स को लेकर यूनेस्को में अर्ज़ी भी दे चुका है कि फ्रेंच फ्राईज़ को बेल्जियम की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा माना जाए. 

फ्रांस का क्‍या है कहना

बेल्जियम की इस थ्योरी को फ्रांस के एक प्रोफेसर  पियर लेक्लेयर नकारते हैं. प्रोफेसर पियर लेक्लेयर कहते हैं, बेल्जियम के इस दावे पर भरोसा नहीं किया जा सकता. उनका कहना है कि साल 1630 में तो नामुर इलाके में आलू की फसल पैदा ही नहीं होती थी, तो मछली की जगह आलू खाने वाली बात कैसे ठीक हो सकती है. 1735 के बाद ही वहां आलू की खेती शुरू की गई. लेकिन उस समय तेल, घी, बटर वगैरह इतना महंगा था कि आम आदमी के लिए आलू को फ्राई करके खाना बहुत मुश्किल था. ये चीजें सिर्फ रईसों की पहुंच में थीं. ऐसे में बेल्जियम के लोगों के आलू फ्राई करके खाने का दावा गलत ही मालूम होता है.

फ्रांस के कुछ लोग कहते हैं कि फ्रेंच फ्राइज़ सबसे पहले पेरिस के सबसे पुराने पुल पोंट न्यूफ़ पर एक रेहड़ी वाले दुकानदार ने बेचने शुरू किए थे. तब उसका नाम पॉम पोंट-न्यूफ़ था. वहीं इतिहासकार मैडेलीन फेरियर भी  फ्रेंच फ्राइज़ को स्‍ट्रीट फूड मानती हैं.

अमेरिका की अपनी कहानी

अमेरिकी इतिहासकारों का कहना है कि 1802 में राष्ट्रपति थॉमस जेफरसन ने वाइट हाउस में डिनर से पहले फ्रांस के शेफ होनोरे जूलियन को आलू के स्लाइस को फ्राई करके परोसने के लिए कहा था. ये स्‍नैक्‍स सभी को काफी पसंद आया. इसके बाद धीरे-धीरे फ्रेंच फ्राइज़ अमेरिका में पॉपुलर हो गया. 1850 के दशक तक ये अमेरिका में काफी लोकप्रिय हो चुका था. हालांकि इसे फ्रेंच फ्राइज पोटैटो के रूप में अधिक जाना गया. अमेरिकियों का दावा है कि विश्व में सबसे अधिक फ्रेंच फ्राइज का शौक अमेरिका के लोगों को है. एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी साल भर में 29 पाउंड फ्रेंच फ्राइज खा जाते हैं.

 

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