गर्मी का मौसम आते ही मच्‍छर भी बढ़ जाते हैं. वहीं मॉनसून (Monsoon) के मौसम में तो मच्‍छर की संख्‍या बहुत ज्‍यादा हो जाती है. जगह-जगह गड्ढों में पानी भरने और गंदगी के चलते मच्‍छर तेजी से पनपते हैं. मच्‍छरों के कारण डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया वगैरह का रिस्‍क बढ़ जाता है. डेंगू (Dengue) मादा एडीज मच्छर के काटने की वजह से होता है और ये गंदे नहीं साफ पानी में पनपता है. बारिश के मौसम में डेंगू के मामले काफी तेजी से बढ़ते हैं. डेंगू के दौरान व्‍यक्ति के शरीर में प्‍लेटलेट्स गिरने लगती हैं. अगर स्थिति को समय रहते कंट्रोल न किया जाए तो मरीज की हालत काफी गंभीर हो सकती है.

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सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार डेंगू 100 से अधिक देशों में होने वाली एक आम समस्या है. वहीं डब्‍ल्‍यूएचओ के अनुसार दुनियाभर में हर साल लगभग 40 करोड़ लोग डेंगू से संक्रमित होते हैं. इनमें 80% केस माइल्ड और एसिम्टोमैटिक होते हैं. डेंगू के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल भारत में 16 मई को राष्‍ट्रीय डेंगू दिवस (National Dengue Day) के तौर पर मनाया जाता है. आइए आज इस मौके पर आपको बताते हैं डेंगू से जुड़ी खास बातें.

इन लक्षणों के दिखते ही हो जाएं अलर्ट

डॉ. रमाकान्‍त शर्मा मे मुताबिक डेंगू के प्रारंभिक लक्षण ठंड लगने के साथ बुखार चढ़ना, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द, सिर दर्द, उल्‍टी या जी मिचलाना, आंखों में दर्द, स्किन पर चकत्‍ते आदि हैं. डेंगू की गंभीर स्थि‍ति में प्‍लेटलेट्स तेजी से गिरना, नाक, मसूड़े और उल्टी से खून आ सकता है. बीपी कम हो सकता है और मरीज बेहोशी की स्थिति में पहुंच सकता है. कई बार लोग इसके शुरुआती लक्षणों को मलेरिया या वायरल समझ लेते हैं और लापरवाही करने लगते हैं. ऐसे में स्थिति के गंभीर होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए आप लक्षणों को नजरअंदाज न करें. विशेषज्ञ से फौरन संपर्क करें, ताकि ये पता चल सके कि आपको डेंगू है, मलेरिया है या वायरल और उसके हिसाब से समय रहते आपको इलाज मिल सके.

कैसे करें बचाव

  • सावधानी ही बचाव है. इसके लिए घरों में कूलर आदि तमाम जगहों पर पानी जमा न होने दें. हफ्ते में कम से कम दो बार इसे बदलें.
  • पीने का पानी किसी बर्तन में जमा है तो उस बर्तन को हमेशा ढंककर रखें.
  • फुल बाजू के कपड़े पहनें और बच्‍चों और बुजुर्गों को खासतौर पर पहनाएं.
  • सोते समय मच्छरदानी का या मॉस्किटो रेपलेंट्स का इस्तेमाल करें.
  • घर की खिड़की और दरवाजों को खुला न रखें. वेंटिलेशन के लिए उनमें जाली लगवाएं.
  • किसी भी तरह के लक्षण दिखें तो विशेषज्ञ को दिखाएं, खुद किसी की सलाह से दवा न लें.

ये 5 चीजें प्‍लेटलेट्स बढ़ाने में मददगार

  • पपीते के पत्‍ते का रस प्‍लेटलेट्स बढ़ाने में मददगार माना जाता है. प्‍लेटलेट काउंट को नियंत्रित रखने के लिए आप इसे किसी विशेषज्ञ की सलाह पर ले सकते हैं. 
  • कीवी को इस मामले में काफी मददगार फल माना जाता है. इस फल को भी खाने से प्‍लेटकाउंट तेजी से बढ़ता है.
  • जवारे के रस को भी इस मामले में काफी फायदेमंद माना जाता है. आप चाहें तो घर में जवारे उगाकर इसका रस बनाकर पी सकते हैं. 5 से 6 दिन में जवारे उग आते हैं.
  • चुकंदर को सलाद के तौर पर खाएं और गाजर-चुकंदर व लौकी का रस निकालकर मरीज को दें. इससे भी काफी लाभ मिलता है.
  • कोरोना काल में गिलोय काफी चलन में आया था. गिलोय का काढ़ा डेंगू में भी मददगार माना गया है. प्‍लेटलेट्स को गिरने से रोकने के साथ ये इम्‍युनिटी को भी बढ़ाता है.

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