National Cancer Awareness Day: नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे, जानें महत्व, शुरुआती लक्षण और बचाव
National Cancer Awareness Day: सात नवंबर को हर साल राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है. आजकल की दिनचर्या के कारण कैंसर का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है.
National Cancer Awareness Day 2022: भारत में हर साल 7 नवंबर को ‘नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे 2022’ के रूप में मनाया जाता है. इस दिन कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है. ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर सबसे अधिक फैलने वाले कैंसर में से एक हैं. कैंसर के दो तिहाई मामलों में इसका कारण तंबाकू, शराब और खराब लाइफस्टाइल और खानपान है. इस दो तिहाई में भी 40 प्रतिशत तंबाकू एवं शराब के कारण होते हैं. लाइफस्टाइल में खानपान से लेकर शारीरिक व्यायाम तक शामिल है. आइए जानते हैं कैंसर अवेयरनेस डे के बारे में.
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WHO के कैंसर के आंकड़े वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के अनुसार, हर साल लगभग कैंसर से 10 मिलियन लोगों की मौत होती है.2018 में पुरुषों और महिलाओं में तंबाकू के उपयोग से 3,17,928 मौतें हुईं. ओरल और लंग्स के कैंसर से पुरुषों में कैंसर से होने वाली मौतों में 25% से अधिक हैं. महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी 25% है. नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे का महत्व नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे की शुरुआत स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय के मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने सितंबर 2014 में की थी. इस बीमारी के बारे में लोगों को अवेयरनेस करने के लिए इस दिन को मनाने की शुरुआत की गयी. देश में कैंसर के उपचार की सुविधा प्रदान करने के लिए 1975 में राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया गया था. कैंसर के दो-तिहाई मामलों का पता लास्ट स्टेज में जाकर लगता है. कैंसर से होने वाली मौत पर WHO की रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर दुनिया भर में मौत का एक प्रमुख कारण है, जो 2020 में लगभग 10 मिलियन मौतों यानी छह मौतों में से लगभग एक के लिए जिम्मेदार है. जिसमें सबसे बड़ा योगदान स्तन कैंसर (Breast Cancer),फेफड़े का कैंसर (Lung Cancer), बृहदान्त्र कैंसर (Colon Cancer), मलाशय कैंसर (Rectum Cancer), पेट का कैंसर (Stomach Cancer) और लीवर कैंसर (Liver Cancer) का है. इसके अलावा प्रोस्टेट कैंसर, स्किन कैंसर से भी सबसे ज्यादा होने वाले कैंसर के प्रकार में शामिल है. कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं? इसके शुरुआती लक्षणों में वजन कम होना, बुखार, भूख में कमी, हड्डियों में दर्द, खांसी या मुंह से खून आना. अगर किसी भी व्यक्ति को ये लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. कैंसर का परीक्षण कैंसर की जांच करते समय डॉक्टर सबसे पहले पेशेंट की उम्र, पिछली स्वास्थ्य स्थिति, पारिवारिक बीमारी और लक्षण की जांच करते हैं. इसके अलावा पेशेंट से कई तरह के सवाल पूछे जाते हैं. उसकी मदद से कई कैंसर संबंधी जानकारी लेने की कोशिश की जाती है. इसके अलावा कई तरह के टेस्ट करवाएं जाते हैं. कई बार Whole body test या lab test करवाए जाते हैं. इसके अलावा emaging test करवाएं जाते हैं. कैंसर का इलाज कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी , रेडिएशन थेरेपी या कीमोथेरेपी की जाती है.इसके अलावा हार्मोन थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी की जाती है. इसके अलावा सर्जिकल ट्रीटमेंट और नॉन- सर्जिकल ट्रीटमेंट किए जाते हैं. कैंसर के प्रकार कार्सिनोमा सारकोमा ल्यूकेमिया लिमेफोमा हेल्दी डायट कम करता है कैंसर का खतरा हेल्दी रहने के लिए हेल्दी डायट लेना बहुत जरूरी होता है. प्लांट बेस्ड फूड, होलग्रेन फूड, फाइबर, विटामिन डी पर फोकस करें. इसके अलावा प्रोसेस्ड फूड या मीट और डब्बा बंद खाना और रेडी टू ईट खाना न खाएं क्योंकि यह कैंसर के जोखिम को बढ़ाने का काम करती है.
नियमित एक्सरसाइज से कैंसर रहता है दूर
रोजाना आधे घंटे तक एक्सरसाइज करने से गर्भाशय कैंसर का खतरा 34% तक कम हो जाता है. महिलाओं को बीएमआई पर ध्यान रखना चाहिए. बीएमआई अगर ठीक है तो गर्भाशय कैंसर का खतरा 73% तक कम रहता है. अगर पुरुष नियमित रूप से व्यायाम करते हैं तो प्रोस्टेट कैंसर का खतरा काफी कम हो जाता है. डॉक्टर्स की मानें तो एक्सरसाइज करना से कैंसर का खतरा कम होता है. कमज़ोर सैल्स और लोवर इम्युनिटी कैंसर का कारण बन सकते हैं. एक्सरसाइज करना सैल्स को हेल्दी बनाता है और इम्युनिटी को बढ़ाता है जिसके प्रभाव से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव होता है.