Monkeypox Deadly Strain: मंकी-पॉक्स (Monkeypox) का नाम आपने पहले भी सुना होगा. लेकिन इस बार इसको लेकर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) ने भी चिंता जाहिर की है. कारण है क‍ि अफ्रीका में इसका नया स्‍ट्रेन सामने आया है जिसमें पूरी दुनिया में महामारी फैलाने की क्षमता है. इस खतरे को देखते हुए डब्‍ल्‍यूएचओ को भी इमरजेंसी बैठक बुलानी पड़ गई. ये नया स्‍ट्रेन काफी खतरनाक बताया जा रहा है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि मंकीपॉक्स वायरस के इस नए स्‍ट्रेन की खोज डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगों में इसी साल अप्रैल में की गई थी. ये वायरस 10 संक्रमितों में से 1 की जान लेने की क्षमता रखता है. अब ये वायरस कांगो के बाहर भी फैलने लगा है. ऐसे में WHO को चिंता इस बात कि है कि अगर ये नया स्‍ट्रेन अफ्रीका से बाहर निकला तो दुनिया के दूसरे हिस्‍सों में भी इसके फैलने की संभावना बढ़ जाएगी.  

जानिए क्‍या है मंकी पॉक्‍स

मंकीपॉक्स इंसानों में होने वाली चेचक की बीमारी की तरह ही एक वायरल संक्रमण है. ये पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था. इसलिए इसे मंकीपॉक्स कहा गया. इंसानों में मंकीपॉक्‍स संक्रमण का पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था. यह रोग मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होता है और कभी-कभी अन्य क्षेत्रों में पहुंच जाता है. पहले भी इसके मामले दुनिया में सामने आ चुके हैं और डब्‍ल्‍यूएचओ ने इसको लेकर गाइडलाइंस भी जारी की हैं. लेकिन अब इसका नया स्‍ट्रेन सामने आया है जिसे बहुत घातक बताया जा रहा है. 

ये है WHO की चिंता

2022 में मंकीपॉक्स के मामले को अंतरराष्ट्रीय महामारी माना गया था. तमाम देशों में इसके मामले सामने आए थे और 100 से ज्‍यादा लोगों की मौत हुई थी. उस समय जो मंकीपॉक्स के दो स्ट्रेन थे, जोकि बहुत कम खतरनाक थे. लेकिन पिछले साल कांगो में बेहद खतरनाक स्‍ट्रेन सामने आया. इसे clade1a कहा गया. वहीं अब उससे भी ज्‍यादा खतरनाक स्‍ट्रेन सामने आया है जिसे clade1b कहा जा रहा है. डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगों बेहद सघन आबादी वाला देश है. इस देश के साथ तमाम अन्‍य देशों की सीमाएं भी जुड़ी हुई हैं. ऐसे में डब्‍ल्‍यूएचओ को इस बाद की चिंता है कि कहीं ये स्‍ट्रेन पड़ोसी देशों तक न पहुंच जाए. इसका कारण है कि ये बीमारी अब कांगो के बाहर उन हिस्‍सों में भी पहुंच गई है, जहां अब तक इसका नामोनिशां भी नहीं था. पिछले महीने मंकीपॉक्स के clade1b के केस कांगो से सटे अन्य चार देशों  ब्रुंडी, केन्या, रवांडा और यूगांडा में पाए गए थे. इससे पहले इन देशों में मंकीपॉक्‍स का कोई मामला सामने नहीं आया था.

कैसे फैलता है ये वायरस

WHO के मुताबिक MPox एक संक्रामक रोग है जो एक व्‍यक्ति से दूसरे व्‍यक्ति में पहुंचता है. ये रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स, स्किन के संपर्क में आने, जेनिटल्स से निकलने वाले फ्लूइड, म्यूकल्सल सर्फेसेस या रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के संपर्क में आने आदि तरीकों से शरीर में प्रवेश कर सकता हैं.

क्‍या हैं इसके लक्षण

इस बीमारी के लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक दिखते हैं, जो अपने आप दूर होते चले जाते हैं. हालांकि इसके मामले गंभीर भी हो सकते हैं.

  • रैशेज
  • बुखार
  • नसों का फूलना
  • थकान
  • सिरदर्द, बदन दर्द या पीठ दर्द
  • ठंड लगना
  • मांसपेशियों में दर्द
  • लिम्फ नोड्स में सूजन